UP: अंग्रेजी के प्रोफेसर नहीं लिख सके प्रार्थना पत्र, गलत लिखा इवेल्युएशन

उत्‍तर प्रदेश में अंग्रेजी और इकॉनॉमिक्‍स के दो प्रोफेसर अपने विषय के बारे में बताने में नाकाम रहे।

By kishor joshiEdited By: Publish:Fri, 01 Jul 2016 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 01 Jul 2016 02:22 PM (IST)
UP: अंग्रेजी के प्रोफेसर नहीं लिख सके प्रार्थना पत्र, गलत लिखा इवेल्युएशन

आगरा (जेएनएन)। बिहार बोर्ड के टॉपर्स की सच्चाई आने के बाद जेल में हैं। वहीं अंबेडकर विवि में ‘टॉपर्स’ तय करने वाले ‘अनपढ़ प्रोफेसर’ पकड़ में आए हैं। ये सामान्य अंग्रेजी के शब्दों को भी सही नहीं लिख सके। इनमें रुहेलखंड विवि बरेली संबद्ध कॉलेजों के अर्थशास्त्र और अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर थे। कई विवि में मूल्यांकन कर चुके ये परीक्षक जब अंग्रेजी तक ठीक से नहीं लिख सके, तो इनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया गया।

विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड मैनेजमेंट (आइटीएचएम) में बीए अंग्रेजी, इतिहास और अर्थशास्त्र का मूल्यांकन चल रहा है। मूल्यांकन कर रहे बरेली के डॉ. श्याम बहादुर, एसोसिएट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग से अंग्रेजी में एप्लीकेशन लिखने को कहा। समन्वयक डॉ. लवकुश मिश्र ने बताया कि उन्होंने एप्लीकेशन में ग्रामर में गड़बड़ी के साथ ही इवेल्युएशन की स्पेलिंग गलत लिख दी, वे विषय संबंधी सवालों के जवाब भी नहीं दे सके।

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वे शनिवार को एक दिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर चुके थे। इसके कुछ देर बाद ही गोरखपुर के डॉ. अनिल कुमार पाल, एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र मूल्यांकन को पहुंचे। इनसे आइएमएफ की फुल फॉर्म पूछी तो नहीं बता सके। जब उन्हें इसके बारे में बताया और लिखने के लिए कहा तो सही स्पेलिंग भी नहीं लिख सके। दोनों परीक्षकों को लौटा दिया, इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

खाना खाया, पैसे लेकर चल दिए

मूल्यांकन के लिए परीक्षक को 15 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका मिलते हैं। साथ ही अन्य विवि से आने वाले परीक्षकों को डीए और टीए दिया जाता था। मूल्यांकन केंद्र में नाश्ते और खाने का भी इंतजाम है। ऐसे परीक्षक इसीलिए मूल्यांकन को आ रहे हैं।

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जैसे परीक्षक, वैसे ही छात्र

विवि में मूल्यांकन के लिए जैसे परीक्षक आ रहे हैं, उसी तरह के छात्र हैं। बीए द्वितीय वर्ष की इतिहास की उत्तर पुस्तिका में सवालों के जवाब भी अटपटे लिखे हैं, उनका कोई मतलब नहीं है। बीए अंग्रेजी के द्वितीय प्रश्नपत्र में छात्र ने प्रथम प्रश्नपत्र के उत्तर लिख दिए हैं।मूल्यांकन में सख्ती की गई है। परीक्षकों के संतोषजनक जवाब न देने वालों से मूल्यांकन नहीं कराया जा रहा है। संबंधित विवि को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

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