आठ हजार श्रद्धालुओं ने किए हिमलिंग के दर्शन

शनिवार को पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने समुद्रतल से लगभग 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरनाथ की पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन किए। हर तरफ बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। श्रद्धालुओं के बीच ही श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व रा'यपाल एनएन वोहरा

By Edited By: Publish:Sun, 29 Jun 2014 09:34 AM (IST) Updated:Sun, 29 Jun 2014 09:37 AM (IST)
आठ हजार श्रद्धालुओं ने किए हिमलिंग के दर्शन

श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। शनिवार को पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने समुद्रतल से लगभग 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरनाथ की पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन किए। हर तरफ बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। श्रद्धालुओं के बीच ही श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की प्रथम महिला उषा वोहरा और चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रता साहा के साथ प्रथम पूजा में भाग लिया। राज्यपाल ने यात्रा प्रबंधों का जायजा लेने के अलावा हेलीकॉप्टर सेवा का भी उदघाटन किया।

पहले दिन सूर्यास्त होने तक लगभग आठ हजार श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन कर चुके थे, जबकि करीब तीन हजार यात्री बालटाल से पवित्र गुफा के रास्ते में थे। इससे पूर्व सुबह जम्मू से 742 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था बालटाल के लिए निकला।

श्री अमरनाथ यात्र के पहले जत्थे में शामिल 5600 श्रद्धालुओं को सुबह सवा पांच बजे बालटाल से पवित्र गुफा की ओर रवाना किया गया। इसके बाद दोपहर दो बजे तक लगभग छह हजार और श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति दी गई। बालटाल स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात अधिकारी ने बताया कि हमने दोपहर दो बजे तक श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की इजाजत दी। सामान्य तौर पर दोपहर 12 बजे के बाद कोई भी पैदल यात्री बालटाल से आगे पवित्र गुफा की तरफ नहीं जा सकेगा।

आज महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु की रास्ते में हृदयाघात से मृत्यु हो गई है। पवित्र गुफा में शिव अराधना के बाद राज्यपाल ने वहां श्रद्धालुओं के लिए किए गए प्रबंधों, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। इसके बाद वह बालटाल लौटे और उन्होंने वहां नीलग्रथ हेलीपैड सेवा का उदघाटन किया। बता दें कि वर्ष 2012 में लगभग 127 श्रद्धालुओं की मौत यात्रा मार्ग पर हो गई थी।

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