दिल्ली सहित 132 शहरों की हवा पर 24 घंटे रहेगी नजर, 2024 तक प्रदूषण में 30 फीसद कमी लाने का लक्ष्य

दिल्ली सहित प्रदूषण से घिरे देश के 132 प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर छिड़ी मुहिम और तेज होगी। वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को इसको लेकर प्राण (पोर्टल फार रेगुलेशन फार एयर पाल्यूशन इन नान-एटेनमेंट) का शुभारंभ किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:54 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:54 PM (IST)
दिल्ली सहित 132 शहरों की हवा पर 24 घंटे रहेगी नजर, 2024 तक प्रदूषण में 30 फीसद कमी लाने का लक्ष्य
दिल्ली सहित 132 शहरों की हवा पर 24 घंटे रहेगी नजर।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली सहित प्रदूषण से घिरे देश के 132 प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर छिड़ी मुहिम और तेज होगी। वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को इसको लेकर प्राण (पोर्टल फार रेगुलेशन फार एयर पाल्यूशन इन नान-एटेनमेंट) का शुभारंभ किया है। इसके जरिये अब इन सभी शहरों की वायु की गुणवत्ता पर 24 घंटे नजर रखी जा सकेगी। साथ ही इन शहरों में प्रदूषण पर रोकथाम पर खर्च की जा रही राशि का पूरा ब्योरा मौजूद रहेगा। प्रोजेक्ट की प्रगति को भी इसके जरिये जांचा जा सकेगा।

आनंद विहार में स्थापित किए गए स्माग टावर का भी शुभारंभ

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने इस दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए आनंद विहार में स्थापित किए गए स्माग टावर का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए यह पहल काफी अहम साबित होगी। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत चिह्नित किए गए देश के 132 शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर काम चल रहा है। अब तक 104 शहरों में इस दिशा में सुधार दिखा है। बाकी शहरों को भी इस दिशा में तेज पहल शुरू करने को कहा गया है।

पर्यावरण मंत्रालय ने सभी शहरों से इसके लिए एक्शन प्लान मांगा

एनसीएपी के तहत पर्यावरण मंत्रालय ने सभी शहरों से इसके लिए एक्शन प्लान मांगा था। ज्यादातर शहरों ने अपने प्लान सौंप दिए हैं। साथ ही इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी शहरों को वर्ष 2024 तक पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर में 20 से 30 फीसद तक कमी लाने का लक्ष्य दिया गया है। गौरलतब है कि मंत्रालय की ओर से इनमें से 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले देश के 44 प्रमुख शहरों को इससे निपटने के लिए 44 सौ करोड़ की मदद दी गई है। इससे पहले 114 शहरों को कार्ययोजना बनाने के लिए करीब 375 करोड़ की मदद दी गई थी। इसके बाद ही राज्यों ने कार्ययोजना तैयार की है।

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