चीन की हरकतों पर नजर हुई पैनी, वायुसेना ने फिर चालू की मेचुका हवाई पट्टी

भारतीय वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश में पश्चिमी सियांग जिले के मेचुका में सामरिक उन्नत हवाई पट्टियां (एएलजी) को फिर से चालू कर दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Mon, 30 May 2016 09:07 PM (IST) Updated:Mon, 30 May 2016 10:31 PM (IST)
चीन की हरकतों पर नजर हुई पैनी, वायुसेना ने फिर चालू की मेचुका हवाई पट्टी

इटानगर, प्रेट्र : भारतीय वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश में पश्चिमी सियांग जिले के मेचुका में सामरिक उन्नत हवाई पट्टियां (एएलजी) को फिर से चालू कर दिया है। इस हवाई पट्टी ने सैनिकों की तैनाती और अग्रिम पंक्ति की कार्रवाइयों के लिए तत्काल हवाई परिवहन की क्षमता को अत्यधिक बढ़ाया है।

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एक सरकारी बयान में सोमवार को कहा गया है, 'एएलजी को रविवार को फिर से शुरू कर दिया गया है। पुनर्निर्माण के कारण 2013 से इसका संचालन बंद था। इसके साथ आलो, जाइरो, तूतिंग, पासीघाट और तेजू एएलजी को भी फिर से बनाया जा रहा था।'

बयान के अनुसार, समुद्र तल से करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एएलजी का पुनर्निर्माण कर अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ इसे चौड़ा और लंबा किया गया है।

एयर मार्शल सी हरि कुमार ने रविवार को चीफ कंस्ट्रक्शन इंजीनियर फॉर नॉर्थ-ईस्ट प्रोजेक्ट्स (सीसीई-एनईपी), सैन्य और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया। उन्होंने अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने तथा सामग्री व मशीनों को लाने-ले जाने में आने वाली कठिनाइयां जैसी चुनौतियों होने के बावजूद परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। एयर मार्शल ने कहा, 'मेचुका की जनता भी बहुत सहयोगी और आदरणीय है। इस कठिन काम को पूरा करने में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है।'

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित 1962 में मेचुका भारत-चीन युद्ध के दौरान एक महत्वपूर्ण सामरिक ठिकाना था। मेचुका कस्बे से मैकमोहन रेखा करीब 40 किमी दूर है।

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