तेजाब हमले के पीडि़तों को अब केंद्र सरकार की नौकरियों में मिलेगा आरक्षण

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि अब तेजाब हमला पीडि़तों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण मिलेगा।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Sun, 28 Jan 2018 07:32 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jan 2018 09:50 AM (IST)
तेजाब हमले के पीडि़तों को अब केंद्र सरकार की नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
तेजाब हमले के पीडि़तों को अब केंद्र सरकार की नौकरियों में मिलेगा आरक्षण

नई दिल्ली (पीटीआई)। ऑटिज्म, मानसिक व्याधियों, बौद्धिक अक्षमता और तेजाब हमला पीडि़तों को अब केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस बारे में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है।

अपने आदेश में कार्मिक विभाग ने कहा है कि समूह ए, बी और सी श्रेणी की नौकरियों के लिए सीधी भर्ती के मामले में मानक अक्षमता से ग्रस्त दिव्यांगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था मौजूदा तीन प्रतिशत से बढ़कर कुल रिक्तियों का चार फीसद हो जाएगा। मानक अक्षमता (बेंचमार्क डिस्एबिलिटी) का मतलब किसी व्यक्ति में विशिष्ट दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम नहीं हो।

डीओपीटी ने हाल ही में केंद्र सरकार के सभी विभागों को इस बारे में पत्र लिखा है। उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि प्रत्येक पदों का एक प्रतिशत दृष्टिहीन एवं कम दृश्यता वाले, बधिरों, सेरेब्रल पाल्सी समेत चलने-फिरने में असमर्थ, कुष्ठ रोगों से निदान पाए, बौनेपन से ग्रस्त, तेजाब हमला पीडि़तों एवं मांसपेशीय विकार से ग्रस्त लोगों के लिए आरक्षित की जाए।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रत्येक एक प्रतिशत पद ऑटिज्म (स्वलीनता यानी अपने आप में खोए रहना), बौद्धिक अक्षमता, सीखने-समझने की विशिष्ट दिव्यांगता एवं मानसिक व्याधियों से ग्रस्त लोगों के लिए भी आरक्षित होगा।

सीखने-समझने की अक्षमता से ग्रस्त लोगों एवं तेजाब हमला पीडि़तों के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाने का यह कदम दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 के पारित एवं अधिसूचित होने के बाद उठाया गया है। इससे पूर्व 2005 के डीओपीटी के आदेश के अनुसार कुल पदों का तीन प्रतिशत दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित होता था। इसके तहत दृष्टिहीन या कम दिखाई देने वाले, बधिर एवं सेरेब्रल पाल्सी समेत चलने-फिरने में अक्षम लोगों के लिए पहले भी एक फीसद आरक्षण की व्यवस्था थी।

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