राष्‍ट्रीयता पर आधारित हो NCERT पाठ्यक्रम: राजस्‍थान मंत्री

केंद्र द्वारा एनसीइआरटी पाठ्यक्रम के लिए मांगे गए सलाह के तहत राजस्‍थान के शिक्षा मंत्री ने नये पाठ्यक्रम में राष्‍ट्रीयता को शामिल करने पर जोर दिया है।

By Monika minalEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 10:35 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jul 2017 10:35 AM (IST)
राष्‍ट्रीयता पर आधारित हो NCERT पाठ्यक्रम: राजस्‍थान मंत्री
राष्‍ट्रीयता पर आधारित हो NCERT पाठ्यक्रम: राजस्‍थान मंत्री

जयपुर (जेएनएन)। राजस्‍थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के अनुसार नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) का नया पाठ्यक्रम राष्‍ट्रीयता पर आधारित होना चाहिए। शिक्षा मंत्री ने जोर दिया किया कि राष्‍ट्रीयता के इस पाठ्यक्रम में विभिन्‍न राज्‍यों के स्‍थानीय वीरों के विषय में उल्‍लेख शामिल होना चाहिए।

इंडियन एक्‍सप्रेस के अनुसार, देवनानी ने बताया कि केंद्रीय सलाहकार बोर्ड शिक्षा और एनसीईआरटी की हाल ही में आयोजित बैठक में उन्‍होंने राजस्‍थान में नये पाठ्यक्रम के लिए इन बदलावों के सुझाव दिए हैं। उन्‍होंने बताया, ‘केंद्र नये पाठ्यक्रम के लिए सुझावों की मांग की। इसलिए मैंने बताया कि स्‍थानीय वीरों समेत राष्‍ट्रीयता को पाठ्यक्रम में शामिल करें। मैंने यह भी सुझाया कि प्राइमरी स्तर पर निर्देशों का माध्‍यम बचचे की मातृभाषा होनी चाहिए।‘ उन्‍होंने आगे बताया कि इन बैठकों में स्‍कूली शिक्षा में राजस्‍थान के पहल की केंद्र ने सराहना की। हमने पाठ्यक्रम में संशोधन किया है और इसमें नोटबंदी व केंद्र और राज्‍य सरकार की स्‍वच्‍छ भारत अभियान व भामाशाह स्‍कीम के साथ स्‍थानीय राष्‍ट्रवादी नायकों को भी शामिल कर लिया है।

आपातकाल पर एक पाठ जोड़ने वाला राजस्‍थान पहला राज्‍य है। यह भारत की राजनीतिक इतिहास का काफी महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है और अब तक छात्र छात्राओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं। इतिहास को हम काट कर छोटा कर रहे हैं जैसे आरोप मूर्खतापूर्ण हैं। कोई ऐतिहासिक तथ्‍यों को कैसे बदल सकता है? हमने बस कुछ पर्सनैलटीज को हटाकर कुछ नये व्‍यक्‍तित्‍व जोड़े हैं। पाठ्यक्रम के अलावा अन्‍य बदलाव जैसे स्‍कूलों का विलय, रिक्‍त शिक्षकों का स्‍थान व पैरेंट्स टीचर मीटिंग आदि को शामिल किया गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्राइवेट स्‍कूलों की तुलना में सरकारी स्‍कूलों के रिजल्‍ट अधिक अच्‍छे होते हैं। इस बार पहला मौका है जब पैरेंट्स सरकारी स्‍कूलों में बच्‍चों के नामांकन के लिए मेरे पास आए हैं क्‍योंकि इन स्‍कूलों की पढ़ाई काफी बेहतर हो गयी है।

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