'तीन तलाक' की वजह से टूट जाती है 92 फीसद मुस्लिम महिलाओं की शादी !

कुरान को प्रथा के खिलाफ बताते हुए महिला अधिकार समूह के सदस्यों ने तीन तलाक की प्रथा खत्म करने के लिए महिला आयोग से समर्थन मांगा है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Jun 2016 03:25 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jun 2016 12:23 PM (IST)
'तीन तलाक' की वजह से टूट जाती है 92 फीसद मुस्लिम महिलाओं की शादी !

नई दिल्ली, प्रेट्र : महिला अधिकार समूह के सदस्यों ने 'तीन तलाक' की प्रथा को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग का समर्थन मांगा है। समूह ने इस प्रथा को कुरान के खिलाफ बताया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम को लिखे पत्र में भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने कहा है कि उसने अपने अभियान के समर्थन में 50,000 हजार हस्ताक्षर इकट्ठे किए हैं। और समर्थन के लिए वे राज्यों के महिला आयोग को भी पत्र लिख रहे हैं। महिलाएं चाहती हैं कि मौखिक और एकतरफा तलाक की प्रथा पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए। पत्र के मुताबिक, कुरान में तत्काल तलाक का कोई जिक्र नहीं है।

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बीएमएमए द्वारा किए गए एख हालिया अध्ययन में यह बात सामने निकलकर आई है कि 92 फीसद मुस्लिम महिलाओं की शादी तीन तलाक के कारण टूट जाती है। जिसमें कभी-कभी तो फोन, फेसबुक, मैसेज और ईमेल के जरिए भी तलाक दे दिया जाता है और इसमें तेजी से वद्धि हो रही है।

कुरान में तलाक के पहले वार्ता, सुलह और मध्यस्थता की 90 दिन की प्रक्रिया बताई गई है। पत्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ में भी इस तरह सुधार की बात की गई है जिससे मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक और कुरान में वर्णित अधिकारों का हनन न हो सके। बीएमएमए का कहना है कि मौखिक तलाक के साथ निकाह हलाला भी बेहद खराब प्रथा है, इसे भी खत्म किया जाना चाहिए।

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