बहुत खूब! 95 साल के नवाब के 'जवान' जज्बे को सलाम

बुढ़ापे के इस 'जवान' जज्बे को सलाम.। 95 साल के नवाब सरताज वली खां बीमारी और कमजोरी को दरकिनार करते हुए वोट डालने के लिए अपनी 130 साल पुरानी कोठी से निकल आए। लड़खड़ाते कदमों से बूथ तक पहुंचे। सबसे बड़े अधिकार का इस्तेमाल करके लोकतंत्र के जश्न में हिस्सा लिया। जागरण का शुक्रगुजार होते हुए कहने लगे-

By Edited By: Publish:Fri, 18 Apr 2014 10:15 AM (IST) Updated:Fri, 18 Apr 2014 10:49 AM (IST)
बहुत खूब! 95 साल के नवाब के 'जवान' जज्बे को सलाम

बरेली [वसीम अख्तर]। बुढ़ापे के इस 'जवान' जज्बे को सलाम.। 95 साल के नवाब सरताज वली खां बीमारी और कमजोरी को दरकिनार करते हुए वोट डालने के लिए अपनी 130 साल पुरानी कोठी से निकल आए। लड़खड़ाते कदमों से बूथ तक पहुंचे। सबसे बड़े अधिकार का इस्तेमाल करके लोकतंत्र के जश्न में हिस्सा लिया। जागरण का शुक्रगुजार होते हुए कहने लगे- खुश रहो-तुम्हारी वजह से इस उम्र में मत के इजहार का डिस्चार्ज कर सका.।

हम जागे जनतंत्र आगे मुहिम के तहत टीम जागरण सुबह पुराना शहर के मुहल्ला चक महमूद में नवाब साहब की कोठी पहुंची। इत्तला भेजी तो उन्होंने अंदर बुला लिया। हमें देखकर सहारे से उठकर बैठे। कहने लगे 70 साल हो गए सियासी जिंदगी को। चाहता हूं हर चुनाव में वोट डालूं लेकिन सेहत इजाजत नहीं देती। आप लोगों से हौसला मिला। रात में आपसे बात के बाद ही तय कर लिया था, वोट डालने बूथ पर जरूर जाऊंगा। नवाब साहब जागरण टीम के साथ ही गोपाल राय मांटेसरी स्कूल पहुंचे। मतदाता पर्ची दिखाकर वोट डाला। बाहर आकर कहने लगे, दिल सुकून से हो गया। सबसे बड़े अधिकार का इस्तेमाल कर बहुत खुश हूं।

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