एक हजार आतंकी घर वापसी को तैयार

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि रास्ता भटक गए युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने विस्तृत पुनर्वास नीति तैयार की है। इसी का नतीजा है कि आतंकी प्रशिक्षण लेने सीमा पार गए एक हजार से ज्यादा युवा अपने वतन वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान को हमारी नीति पसंद नहीं है और वह सहयोग नहीं कर रहा।

By Edited By: Publish:Sun, 26 Feb 2012 10:29 AM (IST) Updated:Sun, 26 Feb 2012 12:07 PM (IST)
एक हजार आतंकी घर वापसी को तैयार

जम्मू [नवीन नवाज]। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि रास्ता भटक गए युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने विस्तृत पुनर्वास नीति तैयार की है। इसी का नतीजा है कि आतंकी प्रशिक्षण लेने सीमा पार गए एक हजार से ज्यादा युवा अपने वतन वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान को हमारी नीति पसंद नहीं है और वह सहयोग नहीं कर रहा। ऐसे में राज्य सरकार रास्ता भटक गए युवाओं को वापस लाने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाश रही है।

उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को विधान परिषद में पीडीपी विधायक मुर्तजा खान के सवाल का जवाब देते कहा, राज्य सरकार को पिछले दो सालों में पुनर्वास योजना के तहत 1034 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 67 को केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है। 34 आवेदन औपचारिकताएं पूरा करने के बाद केंद्र को भेजे गए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही वे भी अनुमोदित हो जाएंगे। उन्होंने कहा, हम आवेदनों को नई दिल्ली भेजते हैं। केंद्रीय विदेश मंत्रालय को पाक के साथ बात करनी होती है, लेकिन उसका रवैया असहयोगात्मक है।

उमर ने कहा, वास्तविकता यह है कि नियंत्रण रेखा की उस तरफ से लौटे कश्मीरी युवक का पुनर्वास महज एक देश की नीति नहीं है। यह पुनर्वास नीति हमारे पड़ोसी देश [पाकिस्तान] को नहीं जंचती है। पुनर्वास योजना लागू करने के तौर-तरीकों को पूरी तरह जाहिर नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके खुलासे के बाद पाक इसे ठेस पहुंचाने की साजिश करेगा। उमर ने कहा, पड़ोसी मुल्क के असहयोग के चलते अब हम ऐसे रास्तों को तलाश कर रहे हैं जिससे सीमा पार से लौटने के इच्छुक युवकों की वापसी को यकीनी बनाते हुए उन्हें पुनर्वासित किया जा सके। मुख्यमंत्री के बयान से भी मुर्तजा खान संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वाक आउट कर गए।

ज्ञात हो, राच्य सरकार ने 22 नवंबर 2010 को आतंकी बनने के लिए गुलाम कश्मीर गए उन युवकों के लिए पुनर्वास नीति का एलान किया था, जो वापस आकर शातिपूर्ण जिंदगी जीना चाहते हैं। सरकार की नीति के तहत सीमा पार से आने वाले युवकों को पुनर्वास केंद्रों में रखा जाएगा। विभिन्न स्तरों पर पूछताछ के बाद तसल्ली होने पर उन्हें उनके परिजनों के पास रहने के लिए भेज दिया जाएगा। ताकि वह भविष्य में सम्मान जनक जीवन व्यतीत कर सकें।

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