भीड़ की हिंसा पर PM को खुला पत्र लिखने वालों पर कंगना समेत 62 हस्तियों का पलटवार

मोदी सरकार में हो रही भीड़ हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे खत के विरोध में 62 हस्तियों ने एक खुला पत्र लिखा है। जिनमें अभिनेत्री कंगना रनौत गीतकार प्रसून जोशी भी शामिल हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 26 Jul 2019 10:59 AM (IST) Updated:Fri, 26 Jul 2019 02:42 PM (IST)
भीड़ की हिंसा पर PM को खुला पत्र लिखने वालों पर कंगना समेत 62 हस्तियों का पलटवार
भीड़ की हिंसा पर PM को खुला पत्र लिखने वालों पर कंगना समेत 62 हस्तियों का पलटवार

नई दिल्ली, एएनआइ। भीड़ की हिंसा पर 49 लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के विरोध में आज 62 चुनिंदा हस्तियों ने खुला पत्र लिखा है। खुला पत्र लिखने वाली हस्तियों में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, क्लासिकल डांसर और सांसद सोनल मानसिंह, वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री शामिल हैं। हाल ही में 49 लोगों ने मोदी सरकार में हो रही भीड़ हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। जिसपर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। अब 62 हस्तियों ने उस पत्र का काउंटर करते हुए इसे चुनिंदा आक्रोश और झूठा आख्यान बताते हुए खुला खत लिखा है।

The 61 personalities who have written an open letter against 'selective outrage and false narratives'. pic.twitter.com/Fdeac3KCri— ANI (@ANI) July 26, 2019

भीड़ की हिंसा पर 49 लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के विरोध में खुला पत्र लिखने वाले 62 शामिल हस्तियों में अभिनेत्री कंगना रनौत भी शामिल हैं। उन्होंने कहा है, 'कुछ लोग अपनी पॉवर का दुरुपयोग कर रहे हैं, ताकि लोगों तक किस तरह ये संदेश पहुंचाया जा सके कि इस सरकार में सबकुछ गलत हो रहा है, जबकि ऐसा नहीं है पहली बार चीजें सही दिशा में जा रही हैं। हम एक बड़े बदलाव का हिस्सा हैं, देश की बेहतरी के लिए चीजें बदल रही हैं और कुछ लोग इससे झुंझलाहट में हैं। आम लोगों ने अपने नेताओं को चुना है। जो लोगों की इच्छा की अवहेलना करते हैं वे लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान या विचार नहीं रखते हैं।'

Kangana Ranaut on 62 personalities write open letter against 'selective outrage&false narratives': Some ppl are misusing their position to generate false narrative that under this Govt things are going wrong, whereas for first time things are going in right direction (file pic) pic.twitter.com/IHdW2Vd8I2

— ANI (@ANI) July 26, 2019

वहीं फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा है कि, 'जब लोगों को 'जय श्री राम' कहने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या जब दिल्ली में एक मंदिर पर हमला किया जाता है तो वे (49 लोग जिन्होने पीएम को लिखा पत्र) कुछ नहीं बोलते हैं। दरअसल देश में वैकल्पिक नाराजगी चल रही है।

Madhur Bhandarkar, film maker on 62 personalities write open letter against 'selective outrage & false narratives': When people are jailed for saying 'Jai Sri Ram' or when a temple is attacked in Delhi they (49 ppl who wrote to PM) don't say anything.Selective outrage is going on pic.twitter.com/VOjejnBFN0

— ANI (@ANI) July 26, 2019

उन 62 हस्तियों में गीतकार प्रसून जोशी भी शामिल हैं, जिन्होंने पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग पर लिखे खत के विरोध में खुला पत्र लिखा है। गीतकार प्रसून जोशी ने कहा है कि वे (पीएम मोदी को लिखे 49 लोग) लोग जानबूझकर ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि यहां गलत काम प्रचलित है- ऐसा करके ऐसे लोग बेइमानी से झूठी कहानी बनाते हैं।

Lyricist Prasoon Joshi's on 62 personalities writing an open letter against 'selective outrage and false narratives': They (49 people who wrote to PM Modi) seem hell bent to portray that there is deliberate wrongdoing prevalent- thereby dishonestly creating a false narrative. pic.twitter.com/OeI1iGDmcC— ANI (@ANI) July 26, 2019

'मॉब लिंचिंग' पर 49 बुद्धिजीवियों ने लिखा पत्र
अभिनेता-अभिनेत्री, फिल्मकार, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम असहिष्णुता को लेकर खुला पत्र लिखा है, जिसमें दलित व अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई है।

पत्र में मॉब लिंचिंग के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया-'अफसोस की बात है कि जय श्रीराम का आज उकसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक भड़काऊ नारा बन गया है। भारत में अल्पसंख्यक समुदायों को राम के नाम पर डराया जा रहा है। राम की अवमानना करने पर रोक लगाने की जरूरत है।'

पत्र में दावा किया गया कि 29 अक्टूबर, 2018 से जनवरी, 2019 के दौरान देश में 254 से ज्यादा धार्मिक पहचान पर आधारित नफरत वाले अपराध दर्ज किए गए हैं। पत्र में पूछा गया है कि इन मामलों के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?' पत्र में मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, विनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, गौतम घोष, कौशिक सेन, कोंकणा सेनशर्मा समेत कुल 49 हस्तियों के नाम हैं।

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