जम्मू-कश्मीर: चोटी कटने पर बवाल, चार जवानों को भीड़ ने पीटा

पहलगाम से सटे वुल्लरहामा में जुल्फिकार अली नामक ग्रामीण की पत्नी शफीका की चोटी किसी ने काटने का प्रयास किया। उसके शोर मचाने पर लोग जमा हो गए।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Thu, 19 Oct 2017 09:04 AM (IST) Updated:Thu, 19 Oct 2017 09:04 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर: चोटी कटने पर बवाल, चार जवानों को भीड़ ने पीटा
जम्मू-कश्मीर: चोटी कटने पर बवाल, चार जवानों को भीड़ ने पीटा

श्रीनगर (जेएनएन)। उत्तरी कश्मीर के उड़ी में बुधवार को हिंसक भीड़ ने टेरीटोरियल आर्मी के तीन जवानों को चोटी काटने वाले गिरोह का सदस्य समझ कर बस से उतार बुरी तरह से पीट दिया। दक्षिण कश्मीर के वुल्लरहामा पहलगाम में भी ऐसी ही एक घटना में  हिंसक भीड़ ने एक सैन्य कर्मी से मारपीट की।

उसे बचाने के लिए सुरक्षाबलों को लाठियों के साथ आत्मरक्षा के लिए फायरिंग करनी पड़ी जिसमें सात लोग जख्मी हो गए। वहीं चोटी कटने की घटनाओं के विरोध में श्रीनगर के मैसूमा व साथ सटे इलाके बंद रहे। महजूर नगर और बटमालू में चोटी कटने की दो घटनाएं होने पर स्थानीय लोग पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ¨हसक हो उठे। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया।

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह पहलगाम से सटे वुल्लरहामा में जुल्फिकार अली नामक ग्रामीण की पत्नी शफीका की चोटी किसी ने काटने का प्रयास किया। उसके शोर मचाने पर लोग जमा हो गए। उन्होंने वहां से गुजर रहे सैन्यकर्मी को चोटी काटने वाले गिरोह का सदस्य समझ पीटना शुरू कर दिया। सैन्यकर्मी के अन्य साथियों ने उसे बचाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों को लाठियों के साथ फायरिंग का सहारा लेना पड़ा जिसमें सात लोग घायल हो गए।

इसी दौरान उत्तरी कश्मीर में एलओसी (नियंत्रण रेखा) से सटे उड़ी के अंतर्गत शीरी में हिंसक भीड़ ने टेरीटोरियल आर्मी के तीन जवानों को सादे कपड़ों में देख पकड़ लिया। ये जवान बारामुला में सर्च लाइट्स की मरम्मत के लिए जा रहे थे। जवानों ने पहचानपत्र दिखाए, लेकिन भीड़ ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने तीनों जवानों को वहां से निकाल अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरूकर दी है।

आत्मरक्षा में भीड़ पर चलानी पड़ी गोली : प्रवक्ता

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि वल्लरहामा में सैन्यकर्मियों का एक गश्तीदल गुजर रहा था। सड़क बंद कर दी गई थी। सैन्यकर्मियों ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे उन्हें जाने दें। इसी दौरान शरारती तत्वों ने अफवाह फैला दी कि चोटी काटने वाला सेना के वाहन में है। लोगों ने हमला कर दिया। सैन्यकर्मियों ने भीड़ को खदेड़ने के लिए पहले चेतावनी दी। कंपनी कमांडर ने पहले हवा में गोली चलाने को कहा। इसका असर न होते देख जवानों को आत्मरक्षा में भीड़ पर गोली चलानी पड़ी।

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