उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ का कहर जारी, अब तक 82 की मौत

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हुई दुर्घटनाओं में अब तक 82 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि बारिश न होने या कम होने से सूबे की अनेक नदियों का जलस्तर उतार की ओर रहा, इसके बावजूद कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और क्षेत्र में तबाही मचा रही हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर भारत में कमजोर पड़ता दिख रहा है। उत्तराखंड के कुछ स्थानों को छोड़ कर उत्तर भारत में सामान्यतया मौसम सूखा ही रहा। उधर बिहार के 14 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और यहां बुधवार को 16 और लोगों की मौत बाढ़ के

By Edited By: Publish:Thu, 21 Aug 2014 08:33 AM (IST) Updated:Thu, 21 Aug 2014 08:34 AM (IST)
उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ का कहर जारी, अब तक 82 की मौत

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हुई दुर्घटनाओं में अब तक 82 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि बारिश न होने या कम होने से सूबे की अनेक नदियों का जलस्तर उतार की ओर रहा, इसके बावजूद कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और क्षेत्र में तबाही मचा रही हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर भारत में कमजोर पड़ता दिख रहा है। उत्तराखंड के कुछ स्थानों को छोड़ कर उत्तर भारत में सामान्यतया मौसम सूखा ही रहा। उधर बिहार के 14 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और यहां बुधवार को 16 और लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो गई।

राजधानी दिल्ली में भी लोगों ने दिन गर्मी और उमस के बीच गुजारा। यहां अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यूपी के सात जिले बाढ़ प्रभावित हैं और यहां 19 और लोगों की मौत हो गई। बलरामपुर में 6, सीतापुर में 4, बहराइच में 3, बाराबंकी और बलिया में 2-2 तथा गोंडा और लखीमपुर में 1-1 लोगों की मौत हो गई। बलरामपुर में नेपाल से आई राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आए उफान ने भारी तबाही मचाई। गौरा थाना क्षेत्र के प्रमुख मार्ग कटकर बाढ़ में बह गए हैं। अभी राप्ती खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग (बौद्ध परिपथ) पर बाढ़ का पानी जमा हुआ है। लखीमपुर में एक दर्जन गांवों को मोहाना नदी लील चुकी है। बाराबंकी में घाघरा का जलस्तर तेजी से घट रहा है। श्रावस्ती में बाढ़ से प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 144 हो गई है। अंबेडकर नगर में घाघरा खतरे के निशान से 65.5 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

आजमगढ़ में घाघरा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। तटवर्ती 134 गांव पूरी तरह पानी से घिर गए हैं। बलिया में घाघरा नदी के बाढ़ व कटान से क्षेत्र के सभी दियारों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। बस्ती जिले में घाघरा नदी का पानी दो दर्जन गांवों में घुस गया है। दूसरी ओर गंडक के उफान से खडडा क्षेत्र में भी एक दर्जन पुरवे जलमग्न हैं। पूर्वोत्तर रेल प्रशासन ने गोंडा-मैलानी मीटर गेज रेल खंड स्थित मिहिनपुरवा तथा रायबोझा प्रखंड पर बाढ़ का पानी आने से आवागमन रोक दिया है।

बिहार के 14 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ का पानी बुधवार को कई और प्रखंडों में प्रवेश कर गया। जायजा लेने गोपालगंज के सिधवलिया की अमरपुरा पंचायत पहुंचे प्रधान सचिव जल संसाधन दीपक कुमार को बाढ़ पीड़ितों ने कुछ देर के लिए बंधक बना लिया। इन जिलों में बुधवार तक 16 और लोगों की मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 14 जिलों के 58 प्रखंडों के 329 पंचायतें बाढ़ प्रभावित हैं। मंगलवार तक 57 प्रखंडों की 302 पंचायतों में बाढ़ का पानी था। उत्तराखंड में कुछ स्थानों को छोड़कर आसमान सामान्यतया खुला ही रहा। यहां कई दिनों से रुकी हुई चार धाम यात्रा फिर शुरू हो गई है।

पढ़े: उप्र में बाढ़ ने ली 64 जान, मंगलवार को 5 साल में दिल्ली सबसे गर्म

रेल और सड़क यातायात पर बढ़ने लगा बाढ़ का खतरा

chat bot
आपका साथी