दस साल में सियाचिन में 163 जवान हुए शहीद

काराकोरम पहाड़ी इलाके में स्थित सियाचिन ग्लेशियर पर लगभग पूरे साल मुश्किल हालात रहते हैं।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 21 Mar 2018 06:40 PM (IST) Updated:Wed, 21 Mar 2018 06:40 PM (IST)
दस साल में सियाचिन में 163 जवान हुए शहीद
दस साल में सियाचिन में 163 जवान हुए शहीद

नई दिल्ली, प्रेट्र। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में पिछले दस साल में भारत के 163 जवानों ने अपनी जान गंवाई है। इनमें छह अधिकारी शामिल हैं। यह जानकारी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी है।

करीब 20 हजार फुट ऊंचे सियाचिन इलाके में दुरुह प्राकृतिक स्थितियां हैं। काराकोरम पहाड़ी इलाके में स्थित सियाचिन ग्लेशियर पर लगभग पूरे साल मुश्किल हालात रहते हैं। जब-तब उठने वाला बर्फीला तूफान यहां की स्थितियां जानलेवा बना देता है, जिसकी चपेट में जवान आ जाते हैं। हिम स्खलन और जमीन धंसने की घटनाएं यहां पर आम हैं। जाड़े के मौसम में यहां का तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। भारत और पाकिस्तान ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस इलाके में सन 1984 से जवानों की तैनाती शुरू की। कुछ वर्षो के बाद दोनों देशों में जाड़े के दिनों में अत्यंत ऊंचाई वाली सीमा चौकियों से जवानों को हटाने की सहमति बनी लेकिन करगिल की घटना के बाद अब पूरे साल सियाचिन में सैनिकों की तैनाती रहती है। सियाचिन ग्लेशियर का कुछ हिस्सा चीन सीमा को भी छूता है।

एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने बताया कि सर्वाधिक 50 जवानों को सन 2010 में जान गंवानी पड़ी। उन्होंने बताया कि वहां पर तैनात होने वाले जवानों को व्यापक प्रशिक्षण और मौसम की चुनौतियों से बचाव के उपकरणों से लैस करके सियाचिन में तैनात किया जाता है।

जारी रहेगी सहायक व्यवस्था

एक अन्य सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि सेना में सहायक की तैनाती की परंपरा खत्म करने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया पर इस तरह का एक वीडियो वायरल होने के बाद सेना के सहायक सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि युद्ध और शांति के समय सहायक की सेना में खास भूमिका होती है, उसे जारी रखा जाएगा। सेना में अधिकारी के साथ सहायक की नियुक्ति होती है, जो सुरक्षा समेत कई कार्यो में उसकी सहायता करता है।

33 जंगी जहाज बनाए जा रहे

एक अन्य सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री भामरे ने सदन को बताया कि इस समय नौसेना के 33 जहाज और पनडुब्बी निर्माण का कार्य देश के विभिन्न शिपयार्ड में चल रहा है। इनमें से कई एक से दो साल के भीतर नौसेना में शामिल किए जाएंगे।

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