नौसेना में शामिल हुआ देश का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत, जानें-10 खास बातें
भारतीय नौसेना ने आज मुंबई के मझगांव डॉक में अपने अब तक के सबसे मारक युद्धपोत 'मोरमुगाओ' का अनावरण किया।
मुंबई। मुंबई में नौसेना ने गाइडेड मिसाइल विनाशक जहाज मोरमुगाओं को समुद्र में उतार दिया है। यह जहाज प्रोजेक्ट 15 बी का दूसरा गाइडेड मिसाइल विनाशक जहाज है। इसका निर्माण मझगांव शिपयार्ड में किया गया है। यह मिसाइल विध्वंसक 'प्रोजेक्ट 15 बी' श्रेणी का दूसरा जहाज है। इसका निर्माण मझगांव शिपयार्ड में किया गया है। ये तकनीकी तौर पर भारत का अब तक का सबसे उन्नत युद्धपोत है।
आइए नजर डालते हैं 'मोरमुगाओ' की 10 बड़ी विशेषताओं पर- मोरमुगाओं नौसेना के 'कोलकता-क्लास' का ऐसा दूसरा विनाशक-जहाज है जो बनकर तैयार हुआ है। इस क्लास का पहला जहाज, 'विशाखापट्टनम' बनकर तैयार होने वाला है।इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं, जो इसे 56 किलोमीटर प्रति घंटा की देता है।यह पोत मिसाइल को चकमा देने में सक्षम है क्योंकि इसे स्टेल्थ तकनीक से बनाया गया है।यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय में भी बचाव करने में सक्षम है।इसका वजन 73 सौ टन और लंबाई 163 मीटर है। यह 65 फीसदी स्वदेशी है। इसमें लगने वाले हथियार भी देश में निर्मित हुए हैं।इस पोत की रफ्तार 56 किमी प्रति घंटा है और यह 75 हजार वर्ग किमी समुद्री क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम है।ऐसा कहा जा रहा है कि इस पोत पर 50 अधिकारियों समेत 300 नौसैनिक तैनात रहेंगे।इसे भारत में ही निर्मित दुनिया की एकमात्र क्रूज बैलेस्टिक मिसाइल, बह्मोस से लैस किया गया है।मोरमुगाओ में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार 'एमएफ-स्टार' लगा है जो कई किमी दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा।इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं जो इसे 30 नॉट (करीब 56 किमी/घंटा) तक की रफ्तार देते हैं और दुश्मन के राडार बहुत मुश्किल से पकड़ पाते हैं।पढ़ें- भारतीय नौसेना में 17 सितंबर को शामिल होगा एडवांस्ड डिस्ट्रोयर 'मोरमुगाओ
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