10 बिंदुओं में जानें आखिर कैसे मिलेगा MSME के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को फायदा

सरकार ने एमएसएमई के तहत आने वाले उद्योगों के विकास के लिए कई बड़े एलान किए हैं। इनसे इन उद्योगों को बड़ा करने में मदद मिल सकेगी।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 06:46 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 06:46 PM (IST)
10 बिंदुओं में जानें आखिर कैसे मिलेगा MSME के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को फायदा
10 बिंदुओं में जानें आखिर कैसे मिलेगा MSME के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को फायदा

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जिस आर्थिक पैकेज के एलान की बात कही थी बुधवार को उसकी शुरुआत वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कर दी। इसमें सबसे पहले छोटे, लघु व कुटीर उद्योगों पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है जो पीएम मोदी के उस बयान का हिस्‍सा है जिसमें उन्‍होंने देश को आत्‍मनिर्भर बनाने की बात कही थी। इस एलान के साथ वित्‍तमंत्री ने उम्‍मीद भी जताई है कि आने वाले समय में इन बदलावों का असर देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर जरूर दिखाई देने लगेगा। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना संकट को देश के लिए एक अवसर बनाने की बात कही थी। आने वाले दिनों में वित्‍तमंत्री चरणबद्ध तरीके से इसका एलान करेंगी।

जहां तक वित्‍तमंत्री द्वारा छोटे व कुटीर उद्योगों के लिए आर्थिक पैकेज में एलान की बात है तो आपको बता दें कि सरकार ने इसको लेकर कुछ बड़े फैसले लिए हैं जो इस प्रकार हैं :- 200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं दिए जाएंगे। इसका एक अर्थ ये भी है कि ये ठेके अब स्‍वदेशी कंपनियों के ही हाथों में आएंगे जो भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे। इससे न सिर्फ देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि उत्‍पादन भी बढ़ेगा। सीतारमण ने आज के एलान में देश में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए जिन 15 कदमों को उठाने का एलान किया है उसमें से छह केवल कुटीर उद्योग के लिए ही हैं। वित्‍तमंत्री ने एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कर्जकौलेटरेल फ्री देने का भी एलान किया है जो इस सेक्टर के लिए कुल कर्ज का करीब 20 फीसद होगा। यह कर्ज की अविध चार वर्ष की होगी जिस पर एक साल का मोरेटोरियम होगा। इस एलान से करीब 45 लाख इकाइयों को सीधेतौर पर लाभ मिल सकेगा। मिलेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इसके लिए किसी को कोई गांरटी नहीं देनी होगी। सरकार और सीपीएसई अगले 45 दिन में एमएसएमई के सभी बकाया का भुगतान कर देंगी। सभी एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज शुरू होगा। उन्हें प्रदर्शनी में शामिल होने के उपाय किए जाएंगे। वित्तमंत्री ने इन सभी एलानों के बीच ये भी कहा है कि अब एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्‍योंकि पहले इसके दायरे में आने वाले उद्योग यदि व्‍यापक हो जाते हैं तो सवाल उठता था कि उन्हें छूट मिलेंगी या नहीं। लेकिन अब एमएसएमई के लिए निवेश की सीमा बढ़ा दी गई है। इसके साथ-साथ उनके टर्नओवर को भी बढा दिया गया है। अब एक करोड़ से कम निवेश करने वाले और 5 करोड़ टर्नओवर वाले को माइक्रो कहा जाएगा। सरकार ने एलान किया है कि अब उन एमएसएमई को 25 करोड़ का कर्ज मिलेगा जिनका टर्नओवर 100 करोड़ रुपये का है। सरकार फंड ऑफ फंड बनाएगी जिसका मकसद 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी की व्यवस्था MSME के लिए करनी होगी। इसका आकार 10000 करोड़ रुपये का होगा। एमएसएमई के दायरे में आने वाले जो उद्योग विस्तार करना चाहेंगे उन्हें इससे मदद दी जा सकेगी। सरकार के आज के इन एलान से स्‍वदेशी उत्‍पादों को बड़ा ब्रांड बनने का सुनहरा अवसर मिल सकेगा। जो प्रोडेक्‍ट अब तक सीमित दायरे में थे उन्‍हें अपने विस्‍तार में मदद मिल सकेगी।  छोटे उद्योगों के विकास की राह से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बेरोजगारी की दर में गिरावट आएगी। इसका असर देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर भी दिखाई देगा। 

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