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कोरोना संकट के दौरान जानें किस देश ने अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार को दिया कितना बड़ा पैकेज

कोरोना संकट के चलते अब तक जितने देशों ने अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के लिए इतने बड़े राहत पैकेज की घोषणा की है उनमें भारत 5वें नंबर पर है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 04:03 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 04:47 PM (IST)
कोरोना संकट के दौरान जानें किस देश ने अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार को दिया कितना बड़ा पैकेज
कोरोना संकट के दौरान जानें किस देश ने अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार को दिया कितना बड़ा पैकेज

नई दिल्‍ली। कोरोना संकट के बीच प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को दोबारा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का एलान किया है। इस एलान के साथ ही इस संकट के दौर में इतना बड़ा पैकेज देने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश भी बन गया है। इस पैकेज से देश को आत्‍मनिर्भर बनाने की राह अग्रसर होगी।

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आपको बता दें कि इस कोरोना संकट के दौर में जिन देशों ने अब तक अपने यहां पर पैकेज की घोषणा की है उनमें जापान ने अपनी जीडीपी का कुल 21.1 फीसद, अमेरिका ने 13 फीसद, स्वीडन ने 12 फीसद, जर्मनी ने 10.7 फीसद, भारत ने 10 फीसद, फ्रांस ने 9.3 फीसद, स्पेन ने 7.3 फीसद, इटली ने 5.7 फीसद, ब्रिटेन ने 5 फीसद और चीन ने महज 3.8 फीसद का एलान किया है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि रिजर्व बैंक की तरफ से अब तक अलग अलग विकल्पों के जरिए 6 लाख करोड़ रुपए की राहत दी जा चुकी है। इसके अलवा बीते दिनों सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए उनके खातों में करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की राहत पहुंचाई थी।

प्रधानमंत्री ने मंगलवार को दिए अपने संबोधन में ही इस बात को साफ कर दिया था कि इसमें हर वर्ग का ध्‍यान रखा गया है। रेहड़ी लगाने वालों से लेकर उद्योगपतियों तक इसमें सभी की हिस्‍सेदारी है। इस पैकेज को राज्‍यों और विभिन्‍न मंत्रालयों से गहन विमर्श के बाद तैयार किया गया है। हालांकि इस पैकेज की चरणबद्ध तरीके से घोषणा वित्‍त मंत्री को आज करनी है। 

 

पीएम ने अपने संबोधन में देश में मौजूद उन 7-8 लाख छोटे उद्योगों का भी जिक्र किया था जिन्‍हें इस लॉकडाउन के दौरान काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा इसमें किसानों गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों का भी जिक्र था।

पीएम मोदी ने जो रोड़मैप देशवासियों के सामने रखा है कि उसमें बेहतर उत्पाद बनान और उसकी गुणवत्ता को लगातार बेहतर करना शामिल है। इसके अलावा उन्‍होंने इसकी आपूर्ति श्रृंखला को भी आधुनिक बनाने की बात कही है जो काफी अहम है। इसको हम यूं समझ सकते हैं कि यदि कोई प्रोडेक्‍ट तैयार किया गया तो उसकी बिक्री को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों का निर्माण करना होगा जिससे वो प्रोडेक्‍ट लोगों तक पहुंच सके।

इससे भारत आत्मनिर्भर होने की तरफ आगे बढ़ सकेगा। इसके लिए जमीन, श्रमिकों, लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन सरकार की पुरानी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि बीते छह वर्षों में सरकार ने जो सुधार किए उनकी बदौलत कोरोना महामारी के दौर में भी देश की व्यवस्था सक्षम और अधिक समर्थ नजर आई है।

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