नीट यूजी काउंसलिंग इस तारीख के बाद ही संभव, 15 फीसदी AIQ सीटों के लिए MCC ने जारी किया नोटिस

NEET UG Counseling 2021 एमसीसी द्वारा शुक्रवार 10 दिसंबर 2021 को जारी किए गए नोटिस के अनुसार नीट यूजी 2021 काउंसलिंग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी है जिस पर अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को होनी है।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Mon, 13 Dec 2021 10:27 AM (IST) Updated:Mon, 13 Dec 2021 11:00 AM (IST)
नीट यूजी काउंसलिंग इस तारीख के बाद ही संभव, 15 फीसदी AIQ सीटों के लिए MCC ने जारी किया नोटिस
याचिका पर शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद ही एमसीसी द्वारा काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश भर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स), केंद्रीय विश्वविद्यालयों, विभिन्न जवाहरलाल स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान यानि जिपमेर संस्थानों, आदि में संचालित स्नातक स्तरीय मेडिकल व डेंटल कोर्सेस (एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस, बीएसएमएस और बीयूएमएस) में दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया को लेकर नया अपडेट सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) द्वारा नीट यूजी 2021 काउंसलिंग को लेकर नोटिस जारी किया गया है। एमसीसी द्वारा शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021 को जारी किए गए नोटिस के अनुसार नीट यूजी 2021 काउंसलिंग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी है, जिस पर अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को होनी है। माना जा रहा है कि नीट यूजी 2021 काउंसलिंग में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आरक्षण देने के नियम को चुनौती देने वाली इस पर याचिका पर शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद ही एमसीसी द्वारा काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 12 सितंबर 2021 को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानि नीट (यूजी) 2021 के रिजल्ट की घोषणा 1 नवंबर 2021 को होने के बाद ऑल इंडिया कोटे की 15 फीसदी सीटों पर काउंसलिंग की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट चल रही सुनवाई के कारण एमसीसी द्वारा आयोजित नहीं हो पा रही है। सर्वोच्च न्यायालय याचिका में दायर याचिका में ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) उम्मीदवारों को कुल निर्धारित सीटों में 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों को 10 फीसदी आरक्षण देने के केंद्र सरकार और एमसीसी के फैसले को चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए वार्षिक आय मानदंड के रूप में 8 लाख रुपये तय करने के औचित्य पर सवाल उठाया था और केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी।

इस लिंक से देखें एमसीसी द्वारा जारी नोटिस

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