जेएनयू छात्रों के लिए अच्छी खबर, अब घर से ही दे सकेंगे सेमेस्टर परीक्षा; पढ़ें पूरी जानकारी

जेएनयू के सभी डीन एवं विशेष केंद्रों की तरफ से वैकल्पिक माध्यम से होने वाली परीक्षाओं की तैयारियां की जा रही हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 09:22 AM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 09:22 AM (IST)
जेएनयू छात्रों के लिए अच्छी खबर, अब घर से ही दे सकेंगे सेमेस्टर परीक्षा; पढ़ें पूरी जानकारी
जेएनयू छात्रों के लिए अच्छी खबर, अब घर से ही दे सकेंगे सेमेस्टर परीक्षा; पढ़ें पूरी जानकारी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रवास के नए नियमों के लागू होने और छात्रवास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के कारण जेएनयू प्रशासन ने वैकल्पिक माध्यमों से सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है।

इस बारे में प्रशासन ने बुधवार को बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों के कारण अन्य छात्र परीक्षाएं नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए वैकल्पिक माध्यमों से सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है।

इस बारे में जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि घर के असाइनमेंट, क्विज, टर्म पेपर, प्रजेंटेशन, सत्रात्मक परीक्षा (सीजनल एग्जाम) जैसे वैकल्पिक माध्यमों से जेएनयू के छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाओं के मूल्यांकन किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन और केंद्रों के अध्यक्षों ने फैसला किया है कि छात्रों के लिए घर में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। यह कई छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी है। जो भी छात्र अपनी मर्जी से परीक्षाएं वैकल्पिक माध्यम के अनुसार देंगे, उन्हें परीक्षा में लिखने का अवसर दिया जाएगा। छात्रों के अकादमिक हितों की रक्षा विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जेएनयू के सभी डीन एवं विशेष केंद्रों की तरफ से वैकल्पिक माध्यम से होने वाली परीक्षाओं की तैयारियां की जा रही हैं।

जेएनयू शिक्षक संघ ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

जेएनयू शिक्षक संघ ने बुधवार को विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद को पत्र लिखकर जेएनयू की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया है। इसमें जेएनयू प्रशासन द्वारा ईमेल एवं वॉट्सएप के माध्यम से परीक्षाओं के जवाब छात्र देने के फैसले पर भी शिक्षक संघ ने सवाल उठाए हैं। साथ ही कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार पर अकादमिक गतिविधियों का सही तरह से संचालन नहीं करने का आरोप लगाया है। किए जाने के कारण जेएनयू में मौजूदा हालात बने हैं। हालांकि प्रशासन ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

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