20 लाख युवाओं को यहां मिलने जा रही है इन लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग

जो लोग पहले से काम कर रहे हैं उनको फिर से ट्रेनिंग और पहले से बेहतर ट्रेनिंग दी जाएगी। यानी अंग्रेजी में कहें तो युवाओं की स्कीलिंग रीस्कीलिंग और अपस्कीलिंग की जाएगी।

By Rajat SinghEdited By: Publish:Mon, 04 Nov 2019 07:52 PM (IST) Updated:Mon, 04 Nov 2019 07:52 PM (IST)
20 लाख युवाओं को यहां मिलने जा रही है इन लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग
20 लाख युवाओं को यहां मिलने जा रही है इन लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग

नई दिल्ली, जेएनएन। बेरोजगारी इस समय देश की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है, हालांकि हम इस सवाल पर शायद ही ध्यान देते हैं कि क्या युवाओं को इसके लिए उचित ट्रेनिंग दी जाती है? यही कारण है कि प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद भी बड़ी संख्या में युवा या तो बेरोजगार रह जाते हैं या फिर उन्हें उपयुक्त नौकरी नहीं मिल पाती है। इस बुनियादी समस्या को ध्यान में रखते हुए टेक्नोलॉजी कंपनियों का शीर्ष संगठन नासकॉम (NASSCOM) और बिजनेस सॉफ्वेयर सॉल्यूशंस क्षेत्र की बड़ी कंपनी सैप (SAP) ने हाथ मिलाया है। इसके तहत सभी उद्योगों से जुड़े लोगों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। जो लोग पहले से काम कर रहे हैं, उनको फिर से ट्रेनिंग और पहले से बेहतर ट्रेनिंग दी जाएगी। यानी अंग्रेजी में कहें तो युवाओं की स्कीलिंग, रीस्कीलिंग और अपस्कीलिंग की जाएगी।

2021-22 तक 20 लाख लोगों को दी जाएगी ट्रेनिंग

नासकॉम ने कहा कि IT-ITes सेक्टर में बड़े बदलाव की जरूरत है। हम चाहते हैं कि इस इंडस्ट्री के कम से कम आधे यानी 20 लाख लोगों को हम 2021-22 तक तैयार करें। इसके अलावा देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग 50 लाख सीटें हैं, ऐसे में हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इन कॉलेजों से निकलने वाले छात्र भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार हों, ताकि उन्हें नौकरी मिलने में परेशानी न हो।

90 फीसद लोग डिजिटली निरक्षर 

Digital Empowerment Foundation-2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की आबादी का लगभग 90 फीसद यानी 1.18 करोड़ लोग डिजिटली निरक्षर हैं। इसके अलावा, 94 फीसद घरों में डिजिटल लिटरेसी का कोई साधन उपलब्ध नहीं है और इसीलिए आईटी आधारित आर्थिक विकास से वे अप्रभावित हैं।

फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम

इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नासकॉम ने 2018 के फरवरी में फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम लॉन्च किया था। इस प्रोग्राम का मकसद 20 लाख पेशेवरों, नौकरी करने जा रहे युवाओं और छात्रों को अगले 5 साल में ट्रेनिंग देकर तैयार करना है।

ये हैं भविष्य की 8 जरूरी स्किल्स

सैप लैब्स इंडिया के अनुसार, वर्तमान में इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को नवीनतम टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग देनी होगी। इसके लिए दोनों कंपनियों ने भविष्य की 8 जरूरी स्किल्स की पहचान की है। ये स्किल्स हैं- AI, Blockchain, data analytics, Big data, cybersecurity, Cloud computing, robotic process automation (RPA) and mobile technology.

इन सेक्टरों पर होगा अधिक असर

गौरतलब है कि ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (BFSI), रिटेल और आईटी-बीपीएम पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एमएल और डेटा एनालिटिक्स का सबसे अधिक असर होगा। भारत आईटी टैलेंट के लिए जाना जाता है। ऐसे में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होने वाले बदलावों के अनुसार लोगों को भी इनकी ट्रेनिंग देनी होगी।

इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से आईटी, आईटी आधारित सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, भविष्य में इससे जुड़ने जा रहे लोगों और कॉलेज जा रहे छात्रों को लाभ होने की उम्मीद है।

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