First Female IAS: देश की पहली महिला IAS अफसर के नियुक्ति पत्र में लिखी थी ये अनोखी बात, जानें इनकी पूरी कहानी

First Female IAS Officer देश की पहली महिला आईएएस अफसर का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा था। वे साल 1951 में वह आईएएस बनीं थीं। वे केरल से ताल्लुक रखती थीं। उनका जन्म 1927 में हुआ था। उन्होंने 1951 से 2018 तक आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Sat, 03 Jun 2023 05:25 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jun 2023 05:28 PM (IST)
First Female IAS: देश की पहली महिला IAS अफसर के नियुक्ति पत्र में लिखी थी ये अनोखी बात, जानें इनकी पूरी कहानी
देश की पहली महिला आईएएस अफसर का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा था।

एजुकेशन डेस्क। First Female IAS Officer: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट ( UPSC Civil Services Result 2022 ) घोषित किया था। देश की सबसे मुश्किल और बड़ी परीक्षा में पहले चार स्थानों पर लड़कियों ने अपनी जगह बनाई है।

यूपीएससी सिविस सर्विस परीक्षा में इशिता किशोर ने टॉप किया है। वहीं दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया और तीसेर स्थान पर उमा हरति एन रही हैं। इसके अलावा, चौथे स्थान पर स्मृति मिश्रा रही हैं। लेकिन इसी बीच क्या आपने सोचा है कि सिविल सेवा परीक्षा में सबसे पहले किस महिला ने यह एग्जाम क्रैक किया था। आइए जानते हैं इनका नाम और उनकी पूरी कहानी।

अन्ना राजम मल्होत्रा है नाम

देश की पहली महिला आईएएस अफसर का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा थीं। वे साल 1951 में वह आईएएस बनीं थीं। वे केरल से ताल्लुक रखती थीं। उनका जन्म 1927 में हुआ था। उन्होंने साल 1951 से 2018 तक आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।

फर्स्ट अटेम्प्ट में बनीं थीं IAS

अन्ना राजम मल्होत्रा ने सिविल सेवा परीक्षा की इतनी जोरदार तैयारी की थीं। पहले ही प्रयास में उन्होंने इस एग्जाम को क्लीयर कर लिया था। इसके बाद, जब वे सभी चरणों को क्रैक करके इंटरव्यू में पहुंची तो मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि बोर्ड ने उन्हें IAS छोड़कर अन्य सेवाएं चुनने की सलाह दी थी। हालांकि, वे इसके लिए तैयार नहीं हुईं।

नियुक्ति पत्र में लिखी थी अनोखी शर्त

सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद , जब साल 1951 में अन्ना राजम को अप्वाइंटमेंट लेटर मिला था तो उसमें बड़ी हैरान करने वाली बात लिखी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके नियुक्ति पत्र में लिखा था कि शादी होने के बाद उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। हालांकि, कुछ समय बाद नियमों में बदलाव हुआ और फिर अन्ना अपने पद पर कार्यरत रहीं।

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