Final Year Exams 2020: HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा- छात्रों की सुरक्षा और करियर दोनों अहम

Final Year Exams 2020 केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 04:50 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 05:07 PM (IST)
Final Year Exams 2020: HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा- छात्रों की सुरक्षा और करियर दोनों अहम
Final Year Exams 2020: HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा- छात्रों की सुरक्षा और करियर दोनों अहम

Final Year Exams 2020: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में कहा है कि उनके छात्रों की सुरक्षा और भविष्य दोनों अहम हैं।केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतो का पालन करना सर्वोपरि है।

हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतो का पालन करना सर्वोपरि है।

साथ ही, विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।

— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020

दरअसल हाल ही में यूजीसी ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से अपने अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं 30 सितंबर, 2020 तक आयोजित करने को कहा था। इसके बाद से छात्रों, शिक्षकों और राजनीतिक नेताओं ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाए थे। छात्र-छात्राओं समेत अन्य कई लोगों ने ट्वीट करके इस कदम को अनुचित बताया है। लोगों को कहना है कि कोरोना के इस संकट काल में यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराना एक जोखिम भरा कदम हो सकता है। इसलिए परीक्षाओं पर रोक लगनी चाहिए।

वहीं इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने सीबीएसई में सेलेबस में कटौती करने पर भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कहा था कि सेलेबस में कटौती को लेकर बिना जानकारी के कई तरह की बातें कही जा रही हैं। शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए, शिक्षा से इसे दूर ही रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के प्रकोप की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद रहे हैं। इसकी वजह से पढ़ाई का नुकसान हुआ है। ऐसे में छात्र-छात्राओं की सहूलियत के लिए कक्षा 9 से 12 तक के कोर्स में 30 फीसदी की कटौती की गई है। लेकिन शिक्षा पर भी कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। 

chat bot
आपका साथी