क्या पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को दे दिया था भारत रत्न?

साल 1955 में पंडित जवारलाल नेहरू और साल 1971 में इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान यह अवॉर्ड दिया गया था।

By Rajat SinghEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 06:07 PM (IST)
क्या पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को दे दिया था भारत रत्न?
क्या पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को दे दिया था भारत रत्न?

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह भारत सरकार की ओर से कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में अहम योगदान देने वालों को यह सम्मान दिया जाता है। भारत के इतिहास में दो ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें उनके कार्यकाल में भारत रत्न से नवाजा गया। साल 1955 में पंडित जवारलाल नेहरू और साल 1971 में इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान यह अवॉर्ड दिया गया। इन दोनों पर आरोप लगता है कि इन्होंने खुद को भारत रत्न देने का काम किया। आइए जानते हैं पूरा मामला...

यह है प्रक्रिया
भारत रत्न के लिए नाम देने के लिए कोई ज्यूरी नहीं होती है। हालांकि, इसके पीछे एक परंपरा है। कैबिनेट जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है, वह राष्ट्रपति को इन नामों की सिफारिश करता है। इसके बाद राष्ट्रपति इन नामों पर फैसला करते हैं। यह कोई कानून नहीं है, बल्कि यह परंपरा है।

नेहरू को ऐसे मिला भारत रत्न
पंडित नेहरू को पुरस्कार देने का काम उस वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था। द वायर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक किसी पीएम ने खुद को यह अवॉर्ड दिया है, ऑफिशियल गैजेट नोटिफिकेशन में ऐसा कहीं नहीं मिलता है। 15 जुलाई, 1955 को राष्‍ट्रपति ने एक भोज का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने नेहरू को शांतिदूत बताते हुए भारत रत्न देने की घोषणा की थी। इसके बाद 16 जुलाई, 1955 को द टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर में इस बात का जिक्र भी किया गया था। इस खबर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने बिना प्रधानमंत्री या कैबिनेट के सुझाव के खुद यह सम्मान पंडित नेहरू को दिया। प्रधानमंत्री नेहरू को यह पुरस्कार कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत यूनियन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिए दिया गया था।

इंदिरा को ऐसे मिला भारत रत्न
इंदिरा गांधी को साल 1971 में भारत रत्न से नवाजा गया। उस साल सिर्फ उन्हें ही भारत रत्न दिया गया। एबीपी न्यूज में छपे लेख के मुताबिक, तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने इंदिरा को यह सम्मान दिया था। तब उन्होंने राष्ट्रपति राजेद्र प्रसाद की तरह ही खुद इस बात का फैसला लिया था। इस अवॉर्ड की खास बात यह है कि उन्हें यह पुरस्कार साल 1972 में दिया गया था, जबकि यह साल 1971 के लिए था। उन्हें यह पुरस्कार पाकिस्तान-बांग्लादेश वॉर में अहम भूमिका निभाने के लिए दिया गया था।

दोनों ने चुकाया अहसान
दोनों प्रधानमंत्री ने दोनों राष्ट्रपति का अहसान चुका दिया। साल 1962 में रिटायरमेंट के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद और साल 1975 में वीवी गिरी को भारत रत्न दिया गया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को नेहरू के कार्यकाल में और वीवी गिरी को इंदिरा गांधी के कार्यकाल में यह पुरस्कार दिया गया।  

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