उद्योग जगत ने मांगा राहत पैकेज
देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए वित्तीय मंत्रालय के साथ-साथ रिजर्व बैंक भी आगे आ रहा है। पिछले लंबे समय से चीन व यूरोप में चल रहे आर्थिक संकट से बचाव के लिए वहां के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरें कम कर दी हैं,ऐसे में भारतीय उद्योग जगत में भी समय से पहले ही ब्याज दरें घटने की उम्मीद जग गई है।
नई दिल्ली। देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए वित्तीय मंत्रालय के साथ-साथ रिजर्व बैंक भी आगे आ रहा है। पिछले लंबे समय से चीन व यूरोप में चल रहे आर्थिक संकट से बचाव के लिए वहां के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरें कम कर दी हैं, ऐसे में भारतीय उद्योग जगत में भी समय से पहले ही ब्याज दरें घटने की उम्मीद जग गई है। इसलिए सरकार के सामने उद्योग जगत ने अपनी मागें भी रख दी हैं।
इंडस्ट्री चेंबर सीआईआई और एसोचैम ने सोमवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहाकार समिति के चेयरमैन सी रंगराजन से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान इंडस्ट्री चेंबर ने सरकार से राहत पैकेज देने की माग की है।
इसके साथ ही रेपो रेट और सीआरआर में एक फीसदी कटौती की भी मांग की हैं। इंडस्ट्री के मुताबिक विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए मल्टीब्राड में एफडीआई की छूट और दूसरे सेक्टर में एफडीआई की सीमा बढ़ानी चाहिए। वहीं रुपए में लगातार हो रही गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई द्वारा तेल कंपनियों को सीधे विदेशी मुद्रा देनी चाहिए।
इस बारे में सीआईआई और गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज का कहना है कि मौजूदा समय में ब्याज दरें चरम पर हैं। वहीं दरों में कटौटी करने से विकास को सहारा मिलेगा। ऐसे में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा जल्द राहत पैकेज मिल जाना चाहिए।
बैठक खत्म होने के तुरंत बाद सी रंगराजन ने उद्योग की कुछ मागों पर गौर करने का भरोसा दिलाया है, लेकिन यह भी साफ कर दिया है कि मौजूदा आर्थिक हालात में राहत पैकेज देने की गुंजाइश भी काफी कम है।
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