केयर्न-वेदांत सौदे को गृह मंत्रालय की हरी झंडी

गृह मंत्रालय ने केयर्न-वेदांत सौदे को हरी झंडी दे दी है। सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र [एनओसी] देते हुए मंत्रालय ने आठ क्षेत्रों पर चिंता जताई है। इनमें वेदांत और उसकी इकाइयों पर विभिन्न अदालतों में लंबित 64 मामले भी शामिल हैं। लंदन में सूचीबद्ध वेदांत रिसोर्सेज ने केयर्न एनर्जी से केयर्न इंडिया की बहुलांश हिस्सेदारी 8.7 अरब डॉलर में खरीदने का पिछले साल सौदा किया था। इस सौदे के लिए सुरक्षा मंजूरी एक शर्त थी।

By Edited By: Publish:Mon, 05 Dec 2011 07:35 PM (IST) Updated:Mon, 05 Dec 2011 10:14 PM (IST)
केयर्न-वेदांत सौदे को गृह मंत्रालय की हरी झंडी

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने केयर्न-वेदांत सौदे को हरी झंडी दे दी है। सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र [एनओसी] देते हुए मंत्रालय ने आठ क्षेत्रों पर चिंता जताई है। इनमें वेदांत और उसकी इकाइयों पर विभिन्न अदालतों में लंबित 64 मामले भी शामिल हैं। लंदन में सूचीबद्ध वेदांत रिसोर्सेज ने केयर्न एनर्जी से केयर्न इंडिया की बहुलांश हिस्सेदारी 8.7 अरब डॉलर में खरीदने का पिछले साल सौदा किया था। इस सौदे के लिए सुरक्षा मंजूरी एक शर्त थी।

ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी और वेदांत ने पहले ही एक अन्य शर्त, केयर्न इंडिया द्वारा राजस्थान तेल क्षेत्र से उत्पादित कच्चे तेल पर रॉयल्टी और उपकर के भुगतान को मान लिया है। फिलहाल केयर्न इंडिया बाड़मेर तेल क्षेत्र में अपनी 70 प्रतिशत हिस्सेदारी पर रॉयल्टी और उपकर का भुगतान नहीं करती है। इसका भुगतान उसकी सहयोगी ओएनजीसी करती रही है।

ओएनजीसी की इस क्षेत्र में 30 फीसदी हिस्सेदारी है। मगर केयर्न इंडिया की नई मालिक वेदांत को सरकार की इस शर्त को मानना पड़ा है। वह रॉयल्टी को लागत में शामिल करने और 2,500 रुपये प्रति टन का उपकर देने को तैयार हो गई है।

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