पुणे में निकला मराठा समाज का विशाल मूक मोर्चा

कोपर्डी कांड के आरोपियों को फांसी मिलने और अन्य मांगों को लेकर मराठा समाज की ओर से राज्य भर में रैलियां निकाली जा रही हैं। शनिवार को नासिक में निकाली गई विशाल रैली के बाद रविवार को पुणे में विशाल मूक मोर्चा निकाला गया। इसमें लाखों लोग शामिल हुए थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 04:21 AM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 04:29 AM (IST)
पुणे में निकला मराठा समाज का विशाल मूक मोर्चा

पुणे। कोपर्डी कांड के आरोपियों को फांसी मिलने और अन्य मांगों को लेकर मराठा समाज की ओर से राज्य भर में रैलियां निकाली जा रही हैं। शनिवार को नासिक में निकाली गई विशाल रैली के बाद रविवार को पुणे में विशाल मूक मोर्चा निकाला गया। इसमें लाखों लोग शामिल हुए थे। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद इस मोर्चा का समापन किया गया।

इस विशाल रैली की शुरूआत डेक्कन स्थित संभाजी महाराज के पुतले को अभिवादन कर हुई। हर बार की रैली की तरह इस रैली में किसी भी राजनीतिक नेता ने नेतृत्व नहीं किया है। लेकिन इस रैली में बीजेपी सांसद अनिल शिरोले, शिवसेना सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल, एनसीपी नेता उदयनराजे भोसले, अजित पवार शामिल हुए। डेक्कन से शुरु हुई यह रैली 6 किलोमीटर दूर कलेक्टर आॅफ पहुंची। यहां पर युवतियों ने मराठा समाज की मांगों का ज्ञापन कलेक्टर सौरभ राव को सौंपा। इसके बाद रैली का समापन 1.17 बजे किया गया। इस रैली में लाखों लोग शामिल हुए थे।
यह हैं प्रमुख मांगें
कोपर्डी कांड और एट्रोसिटी रद्द करने को लेकर मराठवाड़ा के औरंगाबाद से शुरु हुआ यह आंदोलन कई शहरों में शुरु हुआ है।
आंदोलनकारियों की पहली मांग है आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े मराठाओं को आरक्षण मिले।
इनकी दूसरी मांग है एट्रोसिटी कानून को रद्द किया जाए। इनका आरोप हैं की एट्रोसिटी कानून का सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल मराठा लोगों के खिलाफ होता है।
मराठा आंदोलन में शामिल लोग कोपर्डी रेप कांड के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।
कोपर्डी रेप कांड की पीड़ित मराठा थी जबकि अत्याचार करने वाले दलित।

पोलिटिकल पार्टियों की उड़ी नींद

इससे पहले औरंगाबाद से लेकर नवी मुंबई सोलापुर, जालना जलगांव नांदेड आदि कई शहरों में रैलियां निकाली गई है।
आगे अक्टूबर में मुंबई में 1 करोड़ लोगों की रैली निकालने का निर्णय सकल मराठा मोर्चा की ओर से किया गया है।
सकल मराठा मोर्चा की वजह से महाराष्ट्र की सभी पोलिटिकल पार्टियों की नींद उड़ गई है।

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