Maharashtra Govt Formation: शिवसेना को अब भी नहीं मिला कांग्रेस-राकांपा से कोई आश्वासन

Maharashtra Govt Formation महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने को आतुर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा ने फिर लटका दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 10:21 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 12:02 AM (IST)
Maharashtra Govt Formation: शिवसेना को अब भी नहीं मिला कांग्रेस-राकांपा से कोई आश्वासन
Maharashtra Govt Formation: शिवसेना को अब भी नहीं मिला कांग्रेस-राकांपा से कोई आश्वासन

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने को आतुर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा ने फिर लटका दिया है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ ही कांग्रेस-राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को साफ कर दिया कि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं के स्पष्ट होने तक वे शिवसेना के साथ सरकार बनाने का निर्णय नहीं करेंगे। दूसरी ओर चुनाव के बाद पहली बार सामने आए भाजपा नेता नारायण राणे ने दावा किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहे देवेंद्र फड़नवीस ने उन्हें भाजपा की सरकार बनाने का प्रयास तेज करने को कह दिया है।

कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता जरूरी

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से चर्चा करने मुंबई पहुंचे कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने मंगलवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि शिवसेना की ओर से कांग्रेस-राकांपा से सरकार बनाने के लिए समर्थन अधीकृत तौर पर 11 नवंबर को मांगा गया। लेकिन उन्हें समर्थन देने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता जरूरी थी। ऐसे कैसे समर्थन का पत्र दिया जा सकता था? पटेल के अनुसार, दोनों पार्टियों को शिवसेना के साथ आने के निर्णय से पहले कई महत्ववपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करना आवश्यक था। दोनों पार्टियों में आम सहमति बनने के बाद ही शिवसेना से चर्चा की जा सकती है। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को ही राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से फोन पर चर्चा की और मंगलवार को तीन वरिष्ठ नेताओं को आगे की बातचीत के लिए मुंबई भेजा।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाना जरूरी

पटेल ने कहा कि यदि तीन पार्टियों को मिलकर सरकार बनानी है तो तीनों दलों को मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाना जरूरी होगा। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी पटेल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि अभी तो बातचीत शुरू हुई है। सभी मुद्दों पर स्पष्टता के बिना आगे जाने का सवाल ही नहीं उठता। शिवसेना के भिन्न विचारधारा के सवाल पर पवार ने कहा कि विचारधारा पर स्पष्टता के बगैर भी आगे जाना मुश्किल होगा। लेकिन पवार ने माना कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हर मुद्दे पर इत्मिनान से चर्चा करके सरकार बनाने के लिए उचित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। पवार और अहमद पटेल की इन बातों से स्पष्ट है कि कांग्रेस-राकांपा आसानी से समर्थन नहीं देने वालीं।

हमने नई दिशा में जाने की शुरुआत की : उद्धव

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस से बातचीत में कहा कि वह भी इस बात का अध्ययन करेंगे कि किस प्रकार भाजपा नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, महबूबा मुफ्ती और चंद्रबाबू नायडू जैसे विपरीत विचारधारा के लोगों के साथ गठबंधन करने में सफल रही। उद्धव ने कहा कि हिंदुत्व हमारी विचारधारा है, लेकिन अब हमने नई दिशा में जाने की शुरुआत की है।

जल्द बनेगी भाजपा सरकार : राणे

दिनभर की गहमागहमी पर नजर रख रही भाजपा ने मंगलवार को भी हर परिस्थिति पर बारीकी से नजर रखने की बात कही। लेकिन चुनाव से कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार सामने आकर दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उनसे सरकार बनाने का प्रयास तेज करने को कह दिया है। राणे ने यह कहकर नई सनसनी पैदा कर दी है कि जल्द ही भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी। शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-राकांपा से समर्थन मिलने की बात पर राणे ने कहा कि शिवसेना को उल्लू बनाने का प्रयास चालू है बस।

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