राकांपा नेता नवाब मलिक बोले- बिना किसी सहमति के IPS अधिकारियों को वापस लेना गंभीर मामला

महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि तीन आइपीएस (IPS) अधिकारियों को स्थानांतरित करने वाला केंद्र का आदेश पश्चिम बंगाल के प्रशासन के कामकाज में हस्तक्षेप है। ये एक गंभीर मामला है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2020 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2020 08:50 AM (IST)
राकांपा नेता नवाब मलिक बोले- बिना किसी सहमति के IPS अधिकारियों को वापस लेना गंभीर मामला
राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है।

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा जिस तरह से केंद्र का उपयोग कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है। बिना किसी सहमति के, IPS अधिकारी को राज्य से वापस ले लिया गया। यह बहुत गंभीर मामला है। शरद पवार इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी चर्चा करेंगे, ये बैठक दिल्ली में होगी। यदि जरूरत पड़ी तो शरद पवार निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल जाएंगे। 

 राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र का उपयोग कर रही है। शरद पवार और ममता बनर्जी ने इस विषय पर चर्चा की है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल, भूपेश बघेल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत, क्रमशः पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में आरोप लगाया कि प्रतिनियुक्ति पर तीन आइपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित करने वाला केंद्र का आदेश बंगाल के प्रशासन के कामकाज में हस्तक्षेप है। छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान जहां कांग्रेस की सरकार हैं, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन है।

वहीं द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी बंगाल के तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा ‘‘एकतरफा स्थानांतरण’’ को ‘‘निरंकुश और संघीय व्यवस्था के खिलाफ’’ बताया है। ये आइपीएस अधिकारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे जिनके काफिले पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में हाल ही में हुई यात्रा के दौरान हमला किया था। 

बता दें कि बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। ममता बनर्जी, केंद्र के इस कदम का विरोध कर रही हैं और उन्होंने रविवार को इस विषय को लेकर राज्य के साथ एकजुटता के लिए इन विपक्षी नेताओं का आभार व्यक्त किया। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी विधानसभा चुनावों से पहले राज्‍य में भाजपा विरोधी रैली का आयोजन करना चाहती है। हालांकि इस संबंध में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। 

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