Dahi Handi: महाराष्ट्र सरकार ने दही-हांडी को दिया साहसिक खेल का दर्जा, चोट लगने पर मिलेगा मुआवजा
Dahi Handi महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाने वाला दही-हांडी त्योहार साहसिक खेलों की श्रेणी में आ गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में दही-हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने के साथ ही इसे खेलने वाले गोविंदाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
मुंबई, एजेंसी। Dahi Handi: गोविंदा आला रे आला, जरा मटकी संभाल बृज बाला। इस गाने से लोगों को महाराष्ट्र के दही-हांडी पर्व का स्मरण हो जाता है। पर्वतारोहण और राफ्टिंग की ही तरह अब श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव (Janmashtami) पर महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाने वाला दही-हांडी (Dahi Handi) त्योहार साहसिक खेलों की श्रेणी में आ गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र विधानसभा में 'दही-हांडी' को साहसिक खेल का दर्जा देने के साथ ही इसे खेलने वाले गोविंदाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
खेल कोटे के तहत युवा कर सकेंगे महाराष्ट्र में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन
जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी के आयोजन को साहसिक खेल का टैग मिलने के साथ इसमें भाग लेने वाले युवा (गोविंदा) खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। दही-हांडी में भाग लेते हुए हताहत होने पर पीड़ित गोविंदा या उनके स्वजनों को मुआवजा भी दिया जाएगा। कई मीटर ऊपर हवा में बंधी दही वाली मिट्टी की मटकी को तोड़ने के लिए गोविंदा ऊंचे मानव पिरामिड बनाते हैं। इस क्रम में किसी के भी गिर कर मरने की सूरत में महाराष्ट्र सरकार उस गोविंदा या खिलाड़ी के आश्रित परिवार वालों को दस लाख रुपये का मुआवजा देगी। यदि गोविंदा को गंभीर चोट आएगी तो उसे सात लाख रुपये का मुआवजा और फ्रैक्चर जैसी चोट आने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
मानव श्रृंखला बनाने के दौरान मौत पर दस लाख रुपये का स्वजनों को मुआवजा
शिंदे ने विधानसभा में बताया कि घायल गोविंदाओं के इलाज का खर्च भी महाराष्ट्र सरकार ही उठाएगी। दही-हांडी के आयोजन में रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे गोविंदा मानव श्रृंखला बनाकर एक-दूसरे के कंधे पर चढ़ते हुए विशाल पिरामिड बनाते हैं। दही की मटकी फोड़ने से रोकने के लिए वहां मौजूद लोग उन पर पानी की तेज बौछार डालते हैं जिससे उनका संतुलन बिगड़े और वह हांडी तक नहीं पहुंचे। इस प्रक्रिया में कई बार हादसे भी होते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं ताकि ऐसी किसी भी आपात स्थिति में उन्हें त्वरित इलाज मिले।
गंभीर रूप से घायलों को सात लाख व फ्रैक्चर जैसी चोट पर पांच लाख मिलेगा
राज्य, खासकर मुंबई के सरकारी अस्पतालों में तीस से पांच बेड सुरक्षित करा दिए हैं। सभी अस्पतालों में सर्जनों, ओर्थोपेडिक डाक्टरों, ओपेथेमोलोजी डाक्टरों को अलर्ट पर रहने को कहा है। सभी अस्पतालों को घायलों का ब्योरा सीएमएस आफिस को देना होगा। इस साल शुक्रवार को आयोजित होने वाली दही-हांडी के लिए शिंदे सरकार और विपक्षी उद्धव ठाकरे के बीच दही-हांडी को बढ़चढ़ कर मनाने की होड़ लगी हुई है। दोनों ही पक्ष भव्य आयोजन करा रहे हैं और अधिकाधिक लोगों को जुटा रहे हैं।