Antilia Case: जानिए, सचिन वाझे ने क्यों रची मुकेश अंबानी के घर के निकट जिलेटिन लदी स्कार्पियो खड़ी करने की साजिश

Antilia Case सचिन वाझे के अनुसार अंटीलिया मामले से उसका कोई लेनादेना नहीं है। उसे सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है। जज पीआर सितरे की अदालत में वाझे के वकील ने एनआइए की हिरासत बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा कि आपको जो भी जांच करनी हो कीजिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 08:30 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 08:30 PM (IST)
Antilia Case: जानिए, सचिन वाझे ने क्यों रची मुकेश अंबानी के घर के निकट जिलेटिन लदी स्कार्पियो खड़ी करने की साजिश
जानें, सचिन वाझे ने क्यों रची जिलेटिन लदी स्कार्पियो खड़ी करने की साजिश। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Antilia Case: एनआइए ने मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआइ सचिन वाझे की हिरासत अवधि बढ़वाने के लिए विशेष एनआइए कोर्ट में कहा कि वाझे अंटीलिया मामले को सुलझाकर ‘सुपर काप’ बनना चाहता था। इसीलिए उसने मुकेश अंबानी के घर के निकट जिलेटिन लदी स्कार्पियो खड़ी करने की साजिश रची। एनआइए सूत्रों के अनुसार, वाझे ने यह बात स्वीकार की है। एनआइए ने कोर्ट से वाझे की हिरासत 15 दिन और बढ़ाने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने उसकी हिरासत तीन अप्रैल तक ही बढ़ाई है। सचिन वाझे की हिरासत अवधि खत्म होने के बाद वीरवार को उसे फिर से एनआइए कोर्ट में पेश किया गया था। वाझे ने कोर्ट को बताया कि वह अंटीलिया मामले में सिर्फ डेढ़ दिन जांच अधिकारी रहा। उसके बाद अचानक कहीं कुछ प्लान बदल गया। मैं अपने आप एनआइए के दफ्तर में गया था, जहां यह कहकर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया कि इस मामले में मेरे खिलाफ सबूत हैं।

वाझे के अनुसार, इस मामले से उसका कोई लेनादेना नहीं है। उसे सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है। जज पीआर सितरे की अदालत में वाझे के वकील ने एनआइए की हिरासत बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा कि आपको जो भी जांच करनी हो कीजिए। लेकिन उसे एनआइए की हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। वाझे के वकील ने एक दिन पहले ही उस पर लगाई गई यूएपीए की धाराओं का विरोध करते हुए सवाल किया कि एनआइए ने ये धाराएं कैसे लगा दीं ? सिर्फ जिलेटिन की छड़ों से विस्फोट नहीं किया जा सकता। उसके लिए डिटोनेटर की जरूरत होती है। जोकि कथित स्कार्पियो में नहीं पाया गया। इसे आतंकी घटना भी नहीं माना जा सकता। न ही इससे समाज या देश को कोई खतरा था। वाझे ने कोर्ट को यह भी बताया कि अभी उसने एनआइए के सामने कोई कबूलनामा नहीं दिया है। वह अपना लिखित निवेदन कोर्ट को देना चाहता है।

जबकि एनआइए का पक्ष रख रहे एडीशनल सालीसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट में कहा कि लोग यह जानकर स्तब्ध रह गए कि एक पुलिसवाला ही इस तरह के अपराध में लिप्त है। उसने जिलेटिन लदी कार एक रोड पर क्या किसी सजावट के लिए खड़ी की थी ? सिंह ने कोर्ट को बताया कि एनआइए को वाझे के घर से 62 जिंदा कारतूस मिले हैं। ये कहां से आए, इसका पता लगाया जाना बाकी है। इसके अलावा पुलिस विभाग ने उसे 30 कारतूस जारी किए थे। जिसमें से सिर्फ पांच पाए गए हैं। बाकी कहां है, इसका जवाब भी उसने अभी नहीं दिया है। एनआइए के अनुसार अभी तक उसने सचिन वाझे से संबंधित 112 टेराबाइट डाटा (सीसीटीवी व ऑडियो फुटेज) हासिल किए हैं। इन्हें देखना और इनका विश्लेषण करना बाकी है। बुधवार से अंटीलिया मामले से जुड़े मनसुख हत्याकांड की जांच भी एनआइए के ही हाथ में आ चुकी है। इस मामले का भी मुख्य साजिशकर्ता सचिन वाझे ही बताया जा रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब तक इस मामले में गिरफ्तार विनायक शिंदे ने एटीएस को बताया है कि स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के समय खुद सचिन वाझे भी मौजूद था। लेकिन संभावित जांच को भटकाने के लिए वह हत्या के बाद खुद तो दक्षिण मुंबई के एक बार में छापा मारने पहुंच गया। मनसुख के दो मोबाइल फोन किसी और के जरिए हत्यास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर भेजवाकर चालू करवाए, ताकि मनसुख हिरेन की लोकेशन वहां की दिखाई दे। पता चला है कि एनआइए जल्दी ही विनायक शिंदे व सचिन वाझे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने की योजना बना रही है। एनआइए ने इन अफवाहों को भी गलत बताया कि उसने सचिन वाझे के एक साथी एपीआइ रियाजुद्दीन काजी को सरकारी गवाह बना लिया है। एनआइए के अनुसार, ऐसा आरोपपत्र दाखिल करने के बाद ही किया जा सकता है।

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