Maharashtra: उद्धव ठाकरे का पीछा नहीं छोड़ रहीं अस्पतालों की दुर्घटनाएं, जानें-कब और कहां हुए बड़े हादसे

Maharashtra महाराष्ट्र सरकार बनने के बाद से अस्पताल में होने वाली यह तीसरी व सबसे बड़ी दुर्घटना है जिसमें 24 लोग मारे गए हैं। इससे पहले भंडारा व मुंबई के भांडुप में हुई आगजनी की घटनाओं में 10-10 जानें जा चुकी हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:14 PM (IST)
Maharashtra: उद्धव ठाकरे का पीछा नहीं छोड़ रहीं अस्पतालों की दुर्घटनाएं, जानें-कब और कहां हुए बड़े हादसे
उद्धव ठाकरे का पीछा नहीं छोड़ रहीं अस्पतालों की दुर्घटनाएं। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद से अस्पताल में होने वाली यह तीसरी व सबसे बड़ी दुर्घटना है, जिसमें 24 लोग मारे गए हैं। इससे पहले भंडारा व मुंबई के भांडुप में हुई आगजनी की घटनाओं में 10-10 जानें जा चुकी हैं। इसी वर्ष 10 जनवरी को महाराष्ट्र के भंडारा डिस्ट्रिक्ट जनरल अस्पताल की स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट में रात 1.30 बजे लगी आग में 10 नवजात शिशु जल मरे थे। यह आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी। 36 बिस्तरों वाले इस वार्ड में आग लगने के समय कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक के शिशु भर्ती थे। इस घटना के डेढ़ महीने बाद ही 26 मार्च को मुंबई के भांडुप उपनगर स्थित ड्रीम्स माल में चौथी मंजिल पर चल रहे कोविड विशेष अस्पताल में आग लगने से 10 रोगियों को जान गंवानी पड़ी।

सनराइज हास्पिटल नामक यह अस्पताल कई आधी-अधूरी अनुमतियों के साथ चल रहा था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना के लिए मृतकों के परिजनों से माफी मांगते हुए दोषियों को सजा दिलाने का वायदा किया था, लेकिन अस्पतालों में दुर्घटनाओं का सिलसिला यहीं नहीं रुक सका। बुधवार को नासिक में ऑक्सीजन टैंक में लीकेज शुरू होने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाने से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चार महीनों में अस्पतालों में होने वाली यह तीसरी बड़ी दुर्घटना है। 

ऑक्सीजन आपूर्ति रुकने से घुटीं 22 कोरोना मरीजों की सांसें

ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में बुधवार को भयावह हादसा हो गया। नासिक महानगरपालिका द्वारा संचालित डा. जाकिर हुसैन अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक से दोपहर बाद आक्सीजन लीक होने लगी। इसे रोकने के लिए मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति कुछ समय के लिए रोक दी गई। इसके कारण वेंटीलेटर के सहारे चल रहे 24 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। इनमें 11 महिलाएं और इतने ही पुरुष हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। साथ ही दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात भी कही गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने माना, आपूर्ति बाधित होने से हुई मौतें

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने माना है कि अस्पताल में लोगों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से क्सीजन टैंक का वाल्व लीक होने के कारण यह दुर्घटना हुई। लेकिन आक्सीजन टैंक में लीकेज शुरू होते ही एक युवक द्वारा देख लिए जाने के कारण एक बड़ा अनर्थ टल गया। उनके अनुसार पूरे मामले की जांच के बाद ही वह कोई आधिकारिक बयान जारी करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर दुर्घटना पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार व पार्टी कार्यकर्ताओं से हरसंभव मदद मुहैया कराने की अपील की।

राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया दुख

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि नासिक के अस्पताल में हुई दुर्घटना हृदयविदारक है। मैं इस घटना से दुखी हूं और पीडि़त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी घटना के प्रति दुख जताते हुए पीडि़तों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने घटना पर दुख जताने के साथ-साथ इस दुर्घटना के लिए नासिक महानगरपालिका प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उनके अनुसार नासिक महानगरपालिका आयुक्त दुर्घटना के दो घंटे बाद दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए। भाजपा ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है।

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