जमीन के हस्तांतरण के बाद ही निर्माण होगा वैध

जब तक जमीन का हस्तांतरण नहीं होगा तब तक अवैध निर्माण से जुड़े आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 10 Mar 2017 04:32 AM (IST) Updated:Fri, 10 Mar 2017 04:38 AM (IST)
जमीन के हस्तांतरण के बाद ही निर्माण होगा वैध
जमीन के हस्तांतरण के बाद ही निर्माण होगा वैध

मुंबई। राज्य सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में स्पष्ट किया कि जब तक सरकारी जमीन अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति के नाम हस्तांंतरित नहीं होगी तब तक अवैध निर्माण को वैध करने के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। अवैध निर्माण को वैध करने को लेकर बनाई नीति को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में आवेदन किया है। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता को इस मुद्दे को लेकर रुख स्पष्ट करने को कहा था।

इस पर बुधवार को राज्य के महाधिवक्ता रोहित देव ने हाईकोर्ट को बताया, जब तक जमीन का हस्तांतरण नहीं होगा तब तक अवैध निर्माण से जुड़े आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा- सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद अपनी नीति बनाई है। यह किसी भी कानून के खिलाफ नहीं है। हालांकि याचिकाकर्ता दत्ता माने ने कहा, सरकार ने यह नीति बनाने से पहले यह पता नहीं किया है कि राज्य भर में कितने अवैध निर्माण हैं।
इसके चलते प्लानिंग एथारिटी पर कितना बोझ बढ़ रहा है। सरकार के पास अवैध निर्माण को गिराने के लिए क्या व्यवस्था है? इस बीच नवी मुंबई महानगरपालिका के वकील ने भी सरकार की नीति का विरोध किया है। हाईकोर्ट ने फिलहाल सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पालकमंत्री के सचिव के फोन मामले की एक माह में पूरी हो जांच
इस बीच खंडपीठ ने नवी मुंबई के दिघा इलाके में अवैध इमारतों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियुक्त कोर्ट रिसीवर को इलाके के पालक मंत्री के सचिव द्वारा फोन करने के मामले की जांच को एक माह में पूरा करने का निर्देश दिया है।
खंडपीठ ने कहा- नवी मुंबई पुलिस आयुक्त जांच को पूरा करें। कोर्ट रिसीवर ने कार्रवाई को लेकर मंगलवार को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाके के पालक मंत्री के निजी सचिव ने कोर्ट रिसीवर से संपर्क करने का प्रयास किया है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य के महाधिवक्ता को इस मामले को देखने के लिए कहा था। 

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