G20 Summit in India: गांव-गांव तक पहुंचेगी ऊर्जा स्वतंत्रता और कार्बन उत्सर्जन कम करने की मुहिम

2023 में जी20 में भारत की अध्यक्षता को देखते हुए एवं भारतीय वित्तीय प्रणाली को हरित बनाने के महत्त्व पर चर्चा करने के लिए फ्रांसीसी एवं भारतीय विशेषज्ञों के अलावा कई अन्य पक्षों को साथ लेकर जीआईएफएस की तीसरी बैठक सोमवार को मुंबई में हुई।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 03:03 PM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 03:03 PM (IST)
G20 Summit in India: गांव-गांव तक पहुंचेगी ऊर्जा स्वतंत्रता और कार्बन उत्सर्जन कम करने की मुहिम
2070 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य तक ले आना शामिल

राज्य ब्यूरो, मुंबई। जी20 की अध्यक्षता मिलने के बाद भारत पर्यावरण चुनौतियों में खुद को आदर्श बनाकर प्रस्तुत करना चाहता है, ताकि इस संगठन में शामिल बाकी देशों को भी सकारात्मक संदेश दिया जा सके। इसी प्रयास में ऊर्जा स्वतंत्रता एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की मुहिम को गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है।

क्लाइमेट चेंज समिट के बाद भारत ने खुद के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इनमें 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करना एवं 2070 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य तक ले आना शामिल है। लेकिन भारत का वर्तमान नियामक और निरीक्षण ढांचा समग्र रूप से इन लक्ष्यों को हासिल कर पाने में सक्षम नहीं है।

औद्योगिक एवं वित्तीय मोर्चों पर भी उठाना पड़ सकता है बड़ा नुकसान

यदि भारत इसमें सुधार नहीं लाएगा तो उसे औद्योगिक एवं वित्तीय मोर्चों पर भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि अब निवेशक भी कहीं निवेश करने से पहले पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन (ईएसजी) के प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं। इसलिए भारतीय वित्तीय प्रणाली एवं वैश्विक वित्त विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर द ग्रीन इंडियन फाइनांशियल सिस्टम्स इनीशिएटिव (जीआईएफएस पहल) की शुरुआत की गई है।

जीआईएफएस की तीसरी बैठक सोमवार को मुंबई में हुई

2023 में जी20 में भारत की अध्यक्षता को देखते हुए एवं भारतीय वित्तीय प्रणाली को हरित बनाने के महत्त्व पर चर्चा करने के लिए फ्रांसीसी एवं भारतीय विशेषज्ञों के अलावा कई अन्य पक्षों को साथ लेकर जीआईएफएस की तीसरी बैठक सोमवार को मुंबई में हुई।

हरित प्रणाली न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरण वित्त की दिशा में भी पहला कदम

इस बैठक को संबोधित करते हुए फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी एएफडी (एजेंस फ्रांसेइस डे डेवलपमेंट) के महानिदेशक रेमी रिओक्स ने कहा कि हरित प्रणाली न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरण वित्त की दिशा में भी पहला कदम है। इन बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्यों, जिलों, शहरों, संस्थानों और नागरिकों को एक नई यात्रा शुरू करने की जरूरत है। छोटे-छोटे प्रयासों के जरिए ही साथ मिलकर इस बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: चीन में दशकों बाद सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन, माओ के बाद सबसे मजबूत नेता जिनपिंग को हटाने तक के नारे लगे

ग्रामीण क्षेत्रों एवं लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी आना होगा साथ

इसे आसान शब्दों में समझाते हुए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ.आर.के. सिंह कहते हैं कि सिर्फ बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उपाय करने से यह लक्ष्य हासिल नहीं होगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों एवं लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी साथ आना होगा।

यह भी पढ़ें: Fact Check : आपत्तिजनक नारों की शिकायत के लिए NIA ने नहीं जारी किया कोई नंबर

इंडियन बैंक एसोसिएशन भी बड़ी भूमिका निभाने जा रही

वह बताते हैं कि सिडबी ने ऐसे प्रयास शुरू कर दिए हैं, जिनके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में चलनेवाली चक्की जैसे छोटे उद्योगों को भी सौर ऊर्जा उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही बैंकों को तैयार किया जा रहा है कि वे लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को ऋण या वित्तीय सहायता प्रदान करते समय उनकी पर्यावरण सुरक्षा की तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण करें। इस लक्ष्य में इंडियन बैंक एसोसिएशन भी बड़ी भूमिका निभाने जा रही है।

इस अवसर पर सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिवसुब्रमण्यम रमन ने कहा कि जीआईएफएस का मकसद एमएसएमई ग्रीन फाइनेंसिंग की तैयारियों को बढ़ाकर उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। ताकि इसे भारत की जी20 की अध्यक्षता की तैयारियों का पूरक बनाया जा सके। उनके अनुसार हमारा प्रयास सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के साथ-साथ अच्छी प्रथाओं को आत्मसात करना भी है।

chat bot
आपका साथी