हक मांगने पैदल ही दिल्ली चल पड़े हजारों आदिवासी

By Edited By: Publish:Sat, 06 Oct 2012 10:58 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2012 11:29 PM (IST)
हक मांगने पैदल ही दिल्ली चल पड़े हजारों आदिवासी

ग्वालियर। जल, जंगल और जमीन से जुड़े मुद्दों पर बुधवार को जनसत्याग्रह के तहत हजारों आदिवासियों ने दिल्ली की ओर कूच किया। एकता परिषद का दावा है कि पदयात्रियों की कतार आठ किमी लंबी थी। पदयात्रा 29 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के साथ मंगलवार को वार्ता विफल होने पर आदिवासियों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजगोपाल पीवी, सर्व सेवा संघ की अध्यक्ष राधा भट्ट व स्वामी अग्निवेश आदि मौजूद थे।

बुधवार की सुबह मेला ग्राउंड का नजारा बदला हुआ था। अपने हक के लिए इकट्ठे हुए जनसत्याग्रही के चेहरों पर तेज था। सूरज की लालिमा उनके तेज को और बढ़ा रही थी। सुबह नौ बजे जनसत्याग्रह-2012 का शंखनाद हुआ। इसके बाद एक हाथ में ध्वज और दूसरे हाथ में पानी की बोतल तो सिर पर गठरी लिए हुए वीर आगे बढ़े। यह नजारा देख द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविता 'वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे, ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं' की पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठ रही थीं।

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