International Women Day 2022: मप्र के मुरैना में झाड़ू बनाकर महिलाओं ने दूर की बेरोजगारी, अब पुरुषों को भी देंगी रोजगार

International Women Day 2022 मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के अंबाह के गोठ गांव की अल्पना तोमर ने झाडू बनाने का काम करके खुद के अलावा गांव की महिलाओं को रोजगार दिया। यह महिलाएं अब गांव के बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार देंगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 07 Mar 2022 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 07 Mar 2022 07:21 PM (IST)
International Women Day 2022: मप्र के मुरैना में झाड़ू बनाकर महिलाओं ने दूर की बेरोजगारी, अब पुरुषों को भी देंगी रोजगार
मप्र के मुरैना में झाड़ू बनाकर महिलाओं ने दूर की बेरोजगारी, अब पुरुषों को भी देंगी रोजगार। फाइल फोटो

मुरैना, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौर में लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। लोग काम-धंधे के लिए मोहताज हो गए थे, उस विकट हालात में मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के अंबाह के गोठ गांव की अल्पना तोमर ने सफलता की नई कहानी रच दी। झाडू बनाने का काम करके अल्पना ने खुद के अलावा गांव की महिलाओं को रोजगार दिया। यह महिलाएं अब गांव के बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार देंगी। अल्पना तोमर के स्वजन मजदूरी व खेती करते हैं। कोरोना काल में रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने महिलाओं का समूह बनाकर झाडू बनाने का काम शुरू किया। कच्चे माल के लिए महिलाओं के पास रुपये नहीं थे, तब अजीविका मिशन के जरिए बैंक से एक लाख रुपये का लोन लिया। इस राशि से ओडिशा से फूल झाड़ू और नारियल के झाडू बनाने की सामग्री मंगवाई।

एक झाडू बनाने की मजदूरी चार रुपये

घर बैठकर मजदूरी करने का काम कई महिलाओं को रास आया और धीरे-धीरे करके गोठ गांव की 45 महिलाएं झाडू बनाने का काम करने लगीं। एक झाडू बनाने की मजदूरी चार रुपये तय की गई। एक दिन में एक महिला 40 से ज्यादा झाडू आसानी से बना लेती हैं। यानी महीने में साढ़े चार से पांच हजार रुपये की मजदूरी घर बैठे मिलने लगी। इसे देखकर पड़ोसी गांव बरेह की भी 15 महिलाओं ने झाडू बनाने का काम शुरू कर दिया है। ये महिलाएं हर महीने तीन से साढ़े तीन हजार झाडू बनाकर बाजार में सप्लाई कर रही हैं। रोशनी तोमर बताती हैं, कि इस काम में कोई मशीन नहीं लगती, बिजली पर कोई निर्भरता नहीं है। जब भी घर के काम-काज से फुर्सत हो जाते हैं तो झाडू बनाने का काम करते हैं। समूह से जुड़ी अनीता तोमर बताती हैं कि इस काम में नुकसान की संभावनाएं कम हैं। क्योंकि झाडू बनाने के बाद स्टाक को कई दिन या महीनों तक रख सकते हैं।

कई महिलाओं को दिया रोजगार

मुरैना के कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन के मुताबिक, गोठ गांव के माया आजीविका स्वसहायता समूह की सदस्य अल्पना तोमर ने झाडू बनाकर गांवों की कई महिलाओं को रोजगार दिया है। अल्पना और उनके समूह की सभी महिलाएं पूरी मेहनत से इस काम को आगे बढ़ा रही हैं और इनसे प्रभावित होकर अन्य महिलाएं भी इस काम से जुड़ रही हैं। 

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