Sakat Chauth 2022: कब मनाई जाएगी सकट चौथ, जानें इसका महत्‍व; शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sakat Chauth 2022 भगवान गणेश को चर्तुथी तिथि बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन गणेश जी का पूजन करना मंगलकारी माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 11 Jan 2022 11:07 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jan 2022 11:36 AM (IST)
Sakat Chauth 2022: कब मनाई जाएगी सकट चौथ, जानें इसका महत्‍व; शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी 21 जनवरी को शुक्रवार के दिन पड़ेगी

ग्वालियर, जेएनएन। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चंद्र मास में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं, कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी जो पूर्णिमा के बाद आती है को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। ज्योतिषी सुनील चोपड़ा के अनुसार 21 जनवरी (शुक्रवार) को संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है, इसे सकट चौथ भी कहा जाता है। 

चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को बहुत प्रिय है, इसलिए चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। विघ्नहर्ता गणेश सभी बाधाओं को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं। 

सकट चौथ पूजा विधि

सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करके लकड़ी के चौकी पर लाल कपड़ा बिछाये और गणेश जी की मूर्ति को स्थापित कर गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक कर शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद गणेश जी को रोली, चंदन, सिंदूर लगाएं और दूर्वा और फूल चढ़ाएं। पूजा के दौरान गणेश मंत्र का जाप करें। पूजा के समय गणेश जी को मोदक या लड्डू चढ़ाएं, गणेश जी की आरती कर पूजा समाप्त करें।

2022 में पड़ने वाली है संकष्टी चतुर्थी

वर्ष 2022 की पहली संकष्टी चतुर्थी शुक्रवार 21 जनवरी को पड़ रही है, इसे संकट चौथ भी कहा जाता है। इसके बाद रविवार, 20 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, फिर सोमवार 21 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, मंगलवार 19 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी और गुरुवार 19 मई एकदंत संकष्टी चतुर्थी, शुक्रवार, 17 जून कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी होगी। 16 जुलाई शनिवार को गजानन संकष्टी चतुर्थी, 15 अगस्त सोमवार संकष्टी चतुर्थी और बहुला चतुर्थी पड़ेगी। इसके बाद मंगलवार, 13 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, गुरुवार 13 अक्टूबर को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ मनाई जाएगी। 12 नवंबर, शनिवार को गणधिपति संकष्टी चतुर्थी के बाद अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 11 दिसंबर, रविवार को पड़ रही है।

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