वोरा को खाली करना पड़ा 35 साल पुराना सरकारी बंगला

अविभाजित मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा का 35 साल बाद भोपाल से नाता टूट गया। उन्होंने अपने सरकारी बंगले को 24 घंटे पहले मिली सूचना पर खाली कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक बंगला खाली करने को कहा था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2016 04:07 AM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2016 04:19 AM (IST)
वोरा को खाली करना पड़ा 35 साल पुराना सरकारी बंगला

नई दुनिया ब्यूरो, भोपाल। अविभाजित मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा का 35 साल बाद भोपाल से नाता टूट गया। उन्होंने अपने सरकारी बंगले को 24 घंटे पहले मिली सूचना पर खाली कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक बंगला खाली करने को कहा था।

कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा को मप्र में शिक्षा राज्यमंत्री बनाए जाने पर 1981 में बी-29 स्वामी दयानंद नगर (74 बंगला) बंगला आवंटित हुआ था। तब से ही यह उनके ही पास था। यहां आने पर वह इसी बंगले में ठहरते थे। दो साल पहले वह यहां आखिरी बार आए थे।

गुरुवार सुबह वह अपना सामान समेटने के लिए जब बी-29 पहुंचे तो उनके साथ छत्तीसगढ़ से कांग्रेस विधायक व बेटे अरण वोरा, दूसरे बेटे अरविंद वोरा, बेटी अर्चना बिस्सा, पोता संदीप, भतीजे राजीव वोरा भी थे। अरण मप्र से तीन बार विधायक रहे हैंऔर छत्तीसगढ़ बनने के बाद वहां भी दो बार से विधायक हैं। इस दौरान उनके नजदीकी पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा, प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष विनोद डागा, अशोक सिंह, पीसीसी के पूर्व महामंत्री मानक अग्रवाल, मुकेश बाबा जैसे लोग मौजूद थे। शाम को वोरा पीसीसी पहुंचे, जहां उन्होंने एक बैठक भी ली। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरण यादव, कोषाध्यक्ष डागा, संगठन महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी शामिल हुए।

लूना को देख याद हुई ताजा

वोरा के बड़े बेटे अरण, उनकी बहन अर्चना बंगले के बाहर एक कमरे में रखी पुरानी लूना (मोपेड) को साफ कर उसके साथ फोटो खिंचवाई। अरण बताते हैं कि इस लूना से हम भाई-बहन ही नहीं बाबूजी भी घूमा करते थे।

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