MP Weather Update: मप्र में इतनी जल्‍दी नहीं मिलेगी गर्मी से राहत, बारिश हुई तो बढ़ जाएगी उमस

Madhya Pradesh Weather News Update मध्‍य प्रदेश में गर्मी से राहत मिलने की संभावना अभी नहीं है। हालांकि प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्‍की बारिश की संभावना है यदि ऐसा हुआ तो गर्मी से तो निजात नहीं मिलेगा लेकिन उमस जरूर बढ़ जाएगी।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 09:44 AM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 09:44 AM (IST)
MP Weather Update: मप्र में इतनी जल्‍दी नहीं मिलेगी गर्मी से राहत, बारिश हुई तो बढ़ जाएगी उमस
MP Weather Update: गर्मी फिर से बढ़ने की संभावना है।

भोपाल, जेएनएन। भारत के कई राज्यों में प्री-मानसून गतिविधियां बढ़ती देखी जा रही हैं। मानसून अंडमान और निकोबार पहुंच चुका है और 27 मई से 1 जून तक केरल पहुंचेगा और फिर देश के कई हिस्सों को प्रभावित करेगा, लेकिन मध्य प्रदेश में इसका असर यहां देखने में समय लगेगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, भले ही राज्य में तापमान में दो दिन की गिरावट आई है और एक-दो दिन स्थिर रहेगा, लेकिन गर्मी फिर से बढ़ने की संभावना है। प्रदेश की जनता को इतनी जल्दी गर्मी से निजात नहीं मिलने वाली है। मई के अंतिम सप्ताह में कुछ जिलों में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। मंगलवार की बात करें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान नौगांव और सीधी में 45 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, नौगांव, सीधी और दतिया में लू का प्रकोप जारी रहा। यहां भोपाल का 42.7, इंदौर का 42.9, जबलपुर का 42.1 और ग्वालियर का 43.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।

प्री-मानसून माह मई भी रहा सूखा-सूखा

पिछले साल की तुलना में इस साल मौसम थोड़ा अलग था। इस साल मई, जिसे प्री-मानसून महीना माना जाता है, में भी बहुत कम बारिश हुई। आंकड़ों के मुताबिक, 16 मई तक राज्य में सामान्य रूप से 13.1 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल केवल 2.3 मिमी यानी 82 प्रतिशत कम बारिश हुई। मई के महीने में बारिश होने वाले राज्य के कुछ जिले इस साल भी सूखे रहे। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 1 मई से 16 मई के बीच ग्वालियर, दतिया, अशोकनगर, दमोह, सीहोर, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, पन्ना आदि जगहों पर प्री-मानसून गतिविधि नहीं हुई। मई के बाकी दिनों में भी राज्य भर में गतिविधियां कम होने की संभावना है। कुछ ही जिले ऐसे हैं, जहां थोड़ी बारिश होगी, लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिलेगी, उल्टे उमस बढ़ेगी। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि इस साल पश्चिमी विक्षोभ बहुत कम आया और जो आया वह बहुत प्रभावी नहीं रहा। इस वजह से, पश्चिम और पूर्वी हवाओं के बीच संपर्क नगण्य था। इसके कारण प्री-मानसून गतिविधियां कम हो गईं। इसके साथ ही मई के महीनों में काफी देर तक आसमान साफ ​​रहता था, जिससे तेज धूप सीधे पड़ रही थी।

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