व्यापमं अफसरों को दी थी सूची

व्यावसायिक परीक्षा मंडल [व्यापमं] की संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 परीक्षा-2011 घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी ओपी शुक्ला, वीरपाल सिंह यादव और अरुण यादव के खिलाफ पूरक चालान पेश किया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2015 12:58 AM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2015 01:01 AM (IST)
व्यापमं अफसरों को दी थी सूची

भोपाल [नप्र]। व्यावसायिक परीक्षा मंडल [व्यापमं] की संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 परीक्षा-2011 घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी ओपी शुक्ला, वीरपाल सिंह यादव और अरुण यादव के खिलाफ पूरक चालान पेश किया गया।

एसटीएफ ने सोमवार को विशेष न्यायाधीश रामकुमार चौबे की अदालत में पेश 550 पन्नों के चालान में 73 गवाहों की सूची पेश की है। इसमें पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने स्वीकारा है कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों के नामों की सूची बनाकर ओएसडी शुक्ला को सौंपी थी। शुक्ला ने यह सूची व्यापमं अधिकारियों को दी थी। यह बात शुक्ला ने भी इकबालिया बयान में स्वीकारी है।

चालान के मुताबिक दलाल अरुण यादव ने स्वीकारा है उसने वीरपाल सिंह के माध्यम से राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव को 9 अभ्यर्थियों की सूची सौंपी थी। इसके लिए 9 लोगों से 10.80 लाख रुपए लिए थे। यह राशि वीरपाल के माध्यम से शैलेष यादव को दी थी। वीरपाल ने भी अरण के बयानों का समर्थन किया है। इससे पूर्व लक्ष्मीकांत शर्मा सहित सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया। अदालत ने 25 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव का पिछले दिनों निधन हो चुका है।

नापतौल में मिश्रा के खिलाफ चालान

नापतौल निरीक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में आरोपी आईजी सोनाली मिश्रा के भाई भरत के खिलाफ पूरक चालान पेश किया गया। एसटीएफ ने विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश 500 पन्नों के चालान में 8 गवाहों की सूची पेश की है। इसमें व्यापमं के कम्प्यूटर एनालिस्ट नितिन महिंद्रा ने इकबालिया बयान में बताया है कि उसे भरत मिश्रा ने भानुप्रताप सिंह और शिशुवेन्द्र सिंह तोमर के प्रवेश पत्रों की फोटो कॉपी दी थी। मिश्रा ने उन्हें पास कराने के लिए 2-2 लाख रुपए लिए थे। महिन्द्रा ने नापतौल निरीक्षक परीक्षा में पूर्व कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, पंकज त्रिवेदी, चंद्रकांत मिश्रा, दलाल सोनू रघवंशी, दिलीप गुप्ता, अखिलेश चतुर्वेदी, संतोष गुप्ता सहित अन्य लोगों द्वारा पैसे लेकर अभ्यर्थियों के नामों की सूची देने की बात स्वीकारी है। इन सूचियों के आधार पर व्यापमं अधिकारियों ने उन अभ्यर्थियों को पास कराया था। महिन्द्रा ने अभ्यर्थियों को पास कराने के एवज में 59 लाख रुपए लिए थे, जिसमें से 24 लाख रपए पंकज त्रिवेदी को दिए और 15 लाख खुद रख लिए थे। शेष रकम दलालों और व्यापमं अधिकारियों में बांटी गई।

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