दिग्विजय से अब एमपीएसआईडीसी मामले में पूछताछ करेगी ईओडब्ल्यू

निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के समझौता शुल्क को कम करने के मामले में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से ईओडब्ल्यू अब भ्रष्टाचार के 15 साल पुराने एक और मामले में पूछताछ करेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Dec 2016 02:11 AM (IST) Updated:Thu, 22 Dec 2016 02:25 AM (IST)
दिग्विजय से अब एमपीएसआईडीसी मामले में पूछताछ करेगी ईओडब्ल्यू

भोपाल, ब्यूरो। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के समझौता शुल्क को कम करने के मामले में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से ईओडब्ल्यू अब भ्रष्टाचार के 15 साल पुराने एक और मामले में पूछताछ करेगी। मामला वर्ष 2004 में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक केंद्र विकास निगम ([एमपीएसआईडीसी)] में हुए घोटाले का है। इसमें निगम के तत्कालीन अध्यक्ष, संचालक मंडल, प्रबंध संचालक एवं अन्य अधिकारियों पर 42 डिफॉल्टर कंपनियों के प्रवर्तकों/संचालको से सांठ-गांठकर उन्हें अवैध रूप से 719 करा़ेड का लोन बांटने का आरोप है, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। घोटाले के वक्त दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

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बुधवार को दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी कर ईओडब्ल्यू ने 16 जनवरी को अपने बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया है। मालूम हो कि ईओडब्ल्यू ने दो सितंबर को इस घोटाले में शामिल आधा दर्जन अधिकारियों ([तत्कालीन)] के खिलाफ चालान पेश किया था, इसमें सोम ग्रुप के मालिक जगदीश अरोरा उनके भाई अजय अरोरा, एमपीएसआईडीसी तत्कालीन संचालक आरपी शर्मा, अध्यक्ष नरेंद्र नाहटा, तत्कालीन संचालक अजय आचार्य, तत्कालीन प्रबंध संचालक एमपी राजन शामिल थे। जगदीश व उनके भाई अजय सोम घोटाले के समय सोम पावर लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर व प्रबंध संचालक थे। मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष एसआर मोहंती [ तत्कालीन औद्योगिक विकास निगम में प्रबंध संचालक ] भी आरोपी हैं। मोहंती पर बिना किसी नियम का पालन करते हुए कंपनियों को लोन बांटने का आरोप लगा था। ईओडब्ल्यू इस मामले में 19 कंपनियों के प्रवर्तक व संचालकगणों के खिलाफ चालान पहले ही पेश कर चुकी है।

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