MP Politics: मध्य प्रदेश में कमल नाथ और अरुण यादव में फिर बढ़ी तकरार, शक्ति प्रदर्शन की तैयारी
MP Politics कमल नाथ ने यादव गुट पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए खंडवा नगर व ग्रामीण और बुरहानपुर नगर व ग्रामीण कांग्रेस के चार जिलाध्यक्षों को हटा दिया। जवाब में यादव खरगोन जिले के खलघाट में एक बड़ा किसान सम्मेलन कर शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश उपचुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद पदाधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर प्रदेश कांग्रेस में असंतोष सतह पर है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की खंडवा लोकसभा सीट के उपचुनाव में टिकट की दावेदारी का विवाद और चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की पराजय के बाद अब यादव समर्थक पदाधिकारियों को हटाने को लेकर तकरार की स्थिति बन गई है। यादव प्रदेश में पार्टी का प्रमुख पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) चेहरा हैं। दरअसल, कमल नाथ ने यादव गुट पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए गुरुवार को खंडवा नगर व ग्रामीण और बुरहानपुर नगर व ग्रामीण कांग्रेस के चार जिलाध्यक्षों को हटा दिया। जवाब में यादव खरगोन जिले के खलघाट में एक बड़ा किसान सम्मेलन कर शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
कमल नाथ को जमीनी ताकत का एहसास कराएंगे अरुण यादव
माना जा रहा है कि प्रदेश की सियासत में ओबीसी और आदिवासी वर्ग को लेकर बढ़ती संभावनाओं के बीच अरुण यादव इस किसान सम्मेलन के साथ अपनी कदमताल की शुरुआत करेंगे, कमल नाथ को अपनी जमीनी ताकत का एहसास कराएंगे। अरुण यादव मूलरूप से पिछड़ा वर्ग के नेता हैं। दरअसल, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी क्षत्रप एकजुट हुए और पार्टी का सत्ता का वनवास खत्म कराया, लेकिन कमल नाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिग्विजय सिंह के अलावा शेष क्षत्रपों ने खुद को अलग-थलग महसूस करना शुरू कर दिया। अरुण यादव कई मुद्दों पर कमल नाथ पर टिप्पणी करते नजर आए। इस बीच, मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिर जाने के बाद पार्टी के अंदर तेजी से समीकरण बदले और कमल नाथ पहले से ज्यादा ताकतवर होते चले गए।
अरुण यादव खलघाट में करेंगे प्रदर्शन
इधर, अरुण यादव विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते गए और तल्खी इस कदर बढ़ी कि जब खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए उन्होंने अपनी दावेदारी की चर्चाओं को हवा दी तो कमल नाथ ने दो टूक जवाब दे दिया कि उनके पास अरुण यादव की तरफ से दावेदारी की कोई बात नहीं आई है, टिकट सर्वे के आधार पर दिया जाएगा। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों के सर्वे में अरुण यादव का नाम नहीं है। तब यादव ने कमल नाथ के रख को भांपते हुए टिकट की दावेदारी से खुद को पीछे हटा लिया, लेकिन खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान खासे सक्रिय रहे। इस उपचुनाव में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली। परिणाम आने के बाद कमल नाथ के खेमे से यादव के समर्थकों द्वारा साथ न देने के आरोप सामने आते रहे। इसी क्रम में कुछ पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी कर दी गई। इस बीच, अरुण यादव ने कहा कि किसान, पिछड़ा वर्ग के मुद्दों को लेकर हम लगातार आवाज उठाते रहे हैं। इसी क्रम में खलघाट में प्रदर्शन करेंगे। तारीख तय नहीं है, जल्द ही घोषित करेंगे।