संघ व हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की नई टीम का गठन आरएसएस एवं हाईकमान की हरी झंडी के बाद ही हो पाएगा। चौहान की ताजपोशी हुए सात महीने बीत चुके हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 05 Aug 2016 04:45 AM (IST) Updated:Fri, 05 Aug 2016 04:51 AM (IST)
संघ व हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार

भोपाल। ब्यूरो। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की नई टीम का गठन आरएसएस एवं हाईकमान की हरी झंडी के बाद ही हो पाएगा। चौहान की दूसरी बार ताजपोशी हुए सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन वह अपनी टीम का ऐलान नहीं कर पाए। रीवा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने 10 जुलाई की तारीख दी थी, लेकिन अब उनका तर्क है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की टीम के बाद अपनी कार्यकारिणी बनाएंगे।

पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कार्यकारिणी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कई बार विचार--विमर्श और बैठकों के बाद भी चौहान टीम का ऐलान नहीं कर पाए। बताया जाता है कि संघ और हाईकमान की हरी झंडी नहीं मिल पाने से यह मामला अटका हुआ है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्र की राजनीति में सक्रिय प्रदेश के दिग्गज नेताओं की सहमति से ही कार्यकारिणी की सूची फाइनल हो पाएगी।

मोदी फॉर्मूले का असर

पार्टी हाईकमान ने मोदी फॉर्मूला लागू कर मंत्रिमंडल से उम्रदराज नेताओं को बाहर कर दिया है। कमोबेश संगठन में भी यह नियम लागू करने की संभावना है। खासतौर पर वयोवृृद्ध नेताओं को पदाधिकारी बनाने से परहेज किया जाएगा। संगठन में उन्हें सलाहकार की भूमिका में ही रखा जाएगा।

केवल खाली स्थान भरे

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बचे हुए कार्यकाल को पूरा करने पार्टी की कमान चौहान को सौंपी गई थी। सात महीने बाद वह दोबारा निर्वाचित हुए, लेकिन उन्होंने तोमर की टीम में खाली स्थान भरने के अलावा अब तक कोई बदलाव नहीं किया और न ही अपनी तरफ से नए पदाधिकारियों की सूची जारी की। इस तरह टीम चार साल पुरानी हो गई, पार्टी संविधान में 25 फीसदी बदलाव का नियम है।

सक्रिय नेताओं को मौका

केन्द्रीय इकाई ने चौहान को सलाह दी है कि पदाधिकारियों की टीम में युवा एवं सक्रिय चेहरों को ही शामिल किया जाए। क्षेत्रीय संतुलन के अलावा युवाओं एवं दलित नेताओं को ज्यादा महत्व दिया जाए। रतलाम-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव की हार के बाद पार्टी को आदिवासियों में खिसकते जनाधार की चिंता भी सता रही है। शहडोल उपचुनाव भी सामने है, इसलिए संगठन में आदिवासी वर्ग के नेताओं को भी तवज्जो दिए जाने का निर्णय हुआ है।

शाह की टीम का इंतजार

नंदकुमार सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा ने बताया कि प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेताओं का राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह की टीम में जाना तय है, इसलिए मैं दिल्ली की टीम का इंतजार कर रहा हूं।

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