सीएम के खेत से हटाया अतिक्रमण
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विदिशा जिले में स्थित कृषि भूमि से शुक्रवार को अतिक्रमण हटा दिए गए। ये कार्रवाई चौहान के निकटस्थ व्यक्तियों की पहल पर की गई। बता दें कि दो दिन पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने अपने खेत से लगी सरकारी जमीन पर बकायदा फेंसिंग कर अतिक्रमण कर रखा है। दिग्विजय ने अपने आरोप के पक्ष में खसरे की नकल की छाया प्रतियां भी मीडिया को वितरित की थीं।
गुरूवार को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी इस मामले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री से दिग्विजय के आरोपों के सिलसिले में सफाई देने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने सफाई तो नहीं दी, अलबत्ता पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप को गंभीरता से लेते हुए खुद ही उक्त कार्रवाई को अंजाम दे दिया।
बताते हैं कि आज दोपहर करीब एक बजे विदिशा जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर दूर खामबाबा स्थित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खेत में जेसीबी से चरनोई भूमि को खेत से अलग किया गया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के इशारे पर उनके करीबी मुकेश टंडन ने करवाई है। चरनोई भूमि को खेत से अलग करने के लिए मुख्यमंत्री के खेत में लगे ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को भी हटाया गया है। ये चरनोई भूमि में लगा था। दरअसल चरनोई की ये भूमि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी साधना सिंह के नाम से दो अलग-अलग खेतों के बीच स्थित है।
जानकारी के अनुसार बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल और विदिशा जिला कांग्रेस कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. मेहताबसिंह यादव ने मुख्यमंत्री के खेत में पहुंचकर चरनोई भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया था। उन्होंने नक्शा लेकर दोनों खेतों के बीच के उस स्थान को भी चिन्हित किया था, जो चरनोई भूमि के लिए छोड़ा जाना था।
सूत्रों ने बताया कि गुरूवार को तहसीलदार एके सिंह ने भी राजस्व अमले के साथ खेत की नपाई की थी। हालांकि तहसीलदार का कहना था कि खेत में चरनोई भूमि तो थी, लेकिन इस पर कब्जा नहीं था, यह खाली पड़ी थी।
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