नागपुर के दवा व्यवसायी को अगवा करने वाले 7 आरोपित गिरफ्तार, फिरौती के तौर पर वसूले थे 10 लाख

मध्‍य प्रदेश के नागपुर के दवा व्यवसायी रोहित अग्रवाल को अगवा करने और 10 लाख रुपये रंगदारी वसूलने के आरोप में सात लोागें को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के पास से सात लाख 90 हजार रुपये नकद लाइसेंसी रिवॉल्वर और कार बरामद की है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 07 Jan 2022 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jan 2022 10:08 AM (IST)
नागपुर के दवा व्यवसायी को अगवा करने वाले 7 आरोपित गिरफ्तार, फिरौती के तौर पर वसूले थे 10 लाख
नागपुर के दवा व्यवसायी को अगवा करने वाले 7 आरोपित गिरफ्तार

इंदौर, जेएनएन। छोटी ग्वालटोली थाना पुलिस ने शिप्रा थाने के सिपाही लखन हाडा और हेड कांस्टेबल शैलेंद्र सिंह चंदेल समेत सात लोगों को नागपुर के दवा व्यवसायी रोहित अग्रवाल को अगवा करने और 10 लाख रुपये रंगदारी वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से सात लाख 90 हजार रुपये नकद, लाइसेंसी रिवॉल्वर और कार बरामद की है। पुलिस गिरोह के राजकुमार समेत तीन की तलाश में छापेमारी कर रही है। अपर डीसीपी जोन-3 शशिकांत कांकाने के अनुसार सुखनी कॉम्प्लेक्स वर्धमान नगर नंदनवन नागपुर (महाराष्ट्र) निवासी रोहित अग्रवाल 29 दिसंबर को कारोबार के सिलसिले में इंदौर आया था। रिंग रोड पर एक बार में आरोपी आशीष गुर्जर ने रोहित से मुलाकात की और कहा कि उसने सिगरेट की कालाबाजारी की है जो उसे सस्ते में बेचना चाहता है।

10 लाख रुपये की सिगरेट खरीदने पर 2 लाख रुपये का मुनाफा होगा। रोहित ने सौदा तय किया और बयाना राशि में 1 लाख रुपये का भुगतान किया। दोनों व्हाट्सएप पर बात करते रहे। 3 जनवरी को आरोपी ने रोहित को फिर इंदौर बुलाया। चर्चा के मुताबिक रोहित छोटी ग्वालटोली स्थित नीलम होटल में रुके थे। सुबह करीब 10 बजे आशीष दोस्त चेतन यादव के साथ होटल पहुंचा और सिगरेट, लेन-देन और डिलीवरी की बात की पुष्टि की। रोहित ने 4 जनवरी को आगरा (यूपी) में रहने वाले ससुर राम अवतार को 10 लाख रुपये लेकर इंदौर बुलाया। आशीष ने अनूप पांडे और चेतन को रामावतार के पास साजिश के तहत होटल में छोड़ दिया और रोहित को स्कूटर से मांगलिया ले गया।

लालच में फंसे पुलिसकर्मी

घटना के समय हेड कांस्टेबल शैलेंद्र सिंह सुनवाई के लिए गए थे। पूछताछ में लखन ने बताया कि शैलेंद्र ने ही उसे भेजा था। गिरोह में शामिल आरोपी विनोद मौर्य और अवधेश सिंह उसके मुखबिर हैं। मौर्य खुद को क्राइम करप्शन नामक संस्था का सदस्य बताता है। अवधेश के पास लाइसेंसी रिवॉल्वर है और वह सेलिब्रिटी के संरक्षण में तैनात है। रोहित और राम अवतार से रुपये वसूल कर शैलेंद्र और लखन बापट चौराहा पहुंचे और अपने हिस्से के 40 हजार रुपये लेकर आए। अधिकारियों ने दोनों को पलासिया स्थित आफिस बुलाया तो दोनों माफी मांगने लगे। थाने में रोहित व अन्य आरोपियों पर पुलिसकर्मियों का नाम न लेने का भी दबाव बनाया गया।

पुलिस ने बरामद किए रुपये

मांगलिया जाते समय अचानक बाइपास पर एक कार आ गई और आरोपी विनोद मौर्य, अवधेश सिंह, प्रमोद दुबे और लखन हाड़ा ने रोहित को बैठा दिया। अवधेश ने लाइसेंसी रिवॉल्वर पकड़कर गोली मारने की धमकी दी और कहा ससुर से कहो, अनूप और चेतन को 8 लाख 80 हजार रुपये दो। आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और मोबाइल का सिम भी फेंक दिया। कुछ देर बाद सिपाही लखन ने गिरफ्तारी की धमकी दी और रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सिगरेट खरीदने आया है वह काला बाजारी है। क्राइम ब्रांच ने पूरे गिरोह को पकड़ लिया है। जाने के एवज में उसने 1 लाख 20 हजार रुपये लिए। घंटों बाद आरोपी ने निरंजनपुर में रोहित को छोड़ा और फरार हो गया। रोहित ने परिजनों के सहयोग से सीपी हरिनारायणचारी मिश्रा को घटना की जानकारी दी और बुधवार रात को मामला दर्ज कराया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर टीआई सविता चौधरी और हेड कांस्टेबल अनिल पाटिल, आरक्षक राघवेंद्र सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।

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