दबंग नहीं फहराने दे रहे दलित महिला सरपंच को झंडा
भोपाल [ब्यूरो]। मुरैना जिले में दलित महिला सरपंच को गांव के दबंग चार साल से 15 अगस्त पर तिरंगा नहीं फहराने दे रहे। इस बार 15 अगस्त से पूर्व अपने अधिकार पाने की खातिर वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने भोपाल आई है। पुरावसकलां गांव की सरपंच बादामीबाई का कहना है कि वह रक्षाबंधन पर शिवराज सिंह चौहान से मिलकर उन्हें राखी बांधेंगी।
पिछले साढे़ चार साल से छुआछूत और जातिगत भेदभाव के खिलाफ संघषर्ष कर रही बादामी बाई ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वे तब तक वापस मुरैना नहीं जाएंगी, जब तक मुख्यमंत्री उन्हें झंडा फहराने के लिए सुरक्षा के मद्देनजर आश्वस्त नहीं कर देते। उसने कहा कि इस मौके पर वह मुख्यमंत्री से छुआछूत और दलितों के साथ भेदभाव को पूरी तरह समा कराने की गुहार लगाएगी।
15 अगस्त को पंचायत और सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में तिरंगा फहराने की इच्छुक बादामीबाई ने बताया कि गांव की सरपंच होने के बावजूद पिछले चार साल में एक भी बार 15 अगस्त पर होने वाले कार्यक्रम में उन्हें मंच पर नहीं च़़ढने दिया गया। गांव के सरकारी स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में पूर्व सरपंच नाथू सिंह तोमर ही ध्वजारोहण करते हैं। पूर्व सरपंच और उनके सजातीय डीपीसी के दबाव में स्कूल शिक्षक बादामी बाई को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते।
बादामीबाई और उनके पति चिम्मन सिंह का आरोप है कि दलित वर्ग से होने के कारण उनके साथ स्कूल के शिक्षकों और पंचायत के अन्य कर्मचारी अछूतों जैसा व्यवहार करते हैं। गांव में स्कूल निर्माण के स्थल विवाद को लेकर चिम्मन सिंह के साथ गांव के दबंगों द्वारा दो बार मारपीट भी की जा चुकी है, जिसकी एफआईआर मुरैना के ही सिहोंनिया थाने में दर्ज है।
बादामीबाई और उनके पति चिम्मन सिंह का साथ दे रहे एकता परिषद से जुडे़ गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जयंतसिंह तोमर कहते हैं कि गांव में एक सरकारी मिडिल स्कूल का निर्माण पिछले 3 साल से सिर्फ इसलिए अटका हुआ है, क्योंकि पंचायत ने जिस स्थान पर इसके निर्माण का ठहराव पास किया गया है वह दलित बस्ती के पास है। गांव के सवर्ण और दबंग उस स्थान पर स्कूल नहीं बनने देना चाहते।
मुरैना कलेक्टर से जवाब तलब
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में मिली एक शिकायत पर पूरे मामले में स्वमेव संज्ञान लेते हुए 23 जुलाई को मुरैना कलेक्टर को नोटिस जारी किया है, और 14 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने कलेक्टर से पूछा है कि आखिर कौन लोग महिला सरपंच को स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने से रोक रहे हैं, और प्रशासन द्वारा इस दिशा में अब तक क्या कार्रवाई की गई है।