10वीं पास युवक ने YouTube देखकर बनाई फर्जी वेबसाइट, 3 लाख से अधिक की कर चुका ठगी

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के 10वीं पास युवक ने फर्जी वेबसाइट बनाकर 15 हजार से अधिक पहचान पत्र बना डाले। फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं। नवंबर से अब तक आरोपित तीन लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है।भारत निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के आधार पर मप्र साइबर पुलिस ने उसे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से गिरफ्तार कर लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi Avinash Publish:Wed, 17 Apr 2024 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 11:00 PM (IST)
10वीं पास युवक ने YouTube देखकर बनाई फर्जी वेबसाइट, 3 लाख से अधिक की कर चुका ठगी
10वीं पास युवक ने YouTube देखकर बनाई फर्जी वेबसाइट (Image: Representative)

HighLights

  • भारत निर्वाचन आयोग की शिकायत पर मप्र पुलिस ने बिहार के पूर्वी चंपारण से पकड़ा
  • यूट्यूब से देखकर बनाई फर्जी वेबसाइट
  • उप्र से लिए फर्जी सिम का किया उपयोग

जागरण न्यूज नेटवर्क, भोपाल। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के 10वीं पास युवक ने फर्जी वेबसाइट बनाकर 15 हजार से अधिक पहचान पत्र बना डाले। इसमें मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के आधार पर मप्र साइबर पुलिस ने उसे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से गिरफ्तार कर लिया है।

बुधवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर योगेश देशमुख और एसपी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित की फर्जी वेबसाइट से कोई भी व्यक्ति अन्य का फोटो नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर फर्जी दस्तावेज बनवा सकता था। उसे क्यूआर कोड के माध्यम से मात्र 20 रुपये का भुगतान करना पड़ता था।

फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स

फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं। नवंबर से अब तक आरोपित तीन लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। वह मूलत: पूर्वी चंपारण में हरसिद्धि थाना के अंतर्गत सोनवर्षा का रहने वाला है। एडीजी देशमुख ने बताया भारत निर्वाचन आयोग ने 27 मार्च को सभी राज्यों को इस तरह की गड़बड़ी की जानकारी भेजी थी। इस पर मप्र पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की।

इस आधार पर की गई पूछताछ

पुलिस दल ने आरोपित की पहचान के लिए तकनीकी तथ्यों व ओपन सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क टूल्स के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की। इनसे मिले साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपित रंजन को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि जब्त किया गया। आरोपित ने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब से सीखा।

उत्तर प्रदेश से लिया फर्जी सिम

ऑनलाइन सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपये प्राप्त करने लगा। उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम लिया। पेटीएम व एसबीआइ के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया। वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपित ने विदेशी कंपनी से डोमेन खरीदा। टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड हो¨स्टग की। आरोपित हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था।

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