उत्तरप्रदेश में भी ले सकते हैं बीच का मजा, घूमें पीलीभीत के ‘चूका बीच’ पर

नेपाल से आ रही शारदा नदी की नहर का यहां बाइफरकेशन होता है।

By Pratima JaiswalEdited By: Publish:Wed, 27 Jun 2018 03:56 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jun 2018 06:16 AM (IST)
उत्तरप्रदेश में भी ले सकते हैं बीच का मजा, घूमें पीलीभीत के ‘चूका बीच’ पर
उत्तरप्रदेश में भी ले सकते हैं बीच का मजा, घूमें पीलीभीत के ‘चूका बीच’ पर

अगर आप उत्तरप्रदेश में बीच का मजा लेना चाहते हैं, तो चूका बीच एक बेहतरीन ऑप्शन में शामिल हो सकता है। मैदान की रवानगी और समंदर की खूबसूरती का आनंद लेना है, तो चूका बीच शानदार विकल्प हो सकता है। यह पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित है और शहर से इसकी दूरी करीब 65 किमी. है। पूरनपुर से यहां की दूरी मात्र 25 किमी. है। घने जंगल के बीच से गुजरती सड़क और वन्यजीवों का दीदार भी यहां किया जा सकता है।

क्या है आकर्षण

नेपाल से आ रही शारदा नदी की नहर का यहां बाइफरकेशन होता है। जिससे पानी की कल-कल करती आवाज आती है। किनारों पर समंदर के बीच जैसा एहसास कराता रेत का मैदान लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। यहां बनी झील की चौड़ाई करीब ढाई और लंबाई सत्रह किमी. है।

वन्यजीव प्रेमियों के लिए

वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। पक्षियों का कलरव और जानवरों की आवाजें अपनी ओर खूब ध्यान खींचती हैं। पीपल और पाकड़ के जंगल के बीच से गुजरती यहां तक पहुंचाने वाली सड़क पर कहीं-कहीं दिन में ही इतना अंधेरा हो जाता है कि वाहनों को हेडलाइट तक जलानी पड़ जाती है। वहीं बीच पर घडि़याल भी सामान्य तौर पर दिखाई दे जाते हैं।

कब जाएं

यहां जाने के लिए नवंबर से जून तक का समय सबसे उचित होता है। यहां कैंप फायर का अपना अलग आनंद है। हालांकि यहां पर शराब और मांस का सेवन प्रतिबंधित है। आप पॉलीथिन में भी कोई सामान नहीं ले जा सकते। ऐसा वन्यजीवों और जंगल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किया गया है।

कैसे पहुंचें

चूका बीच जाने के लिए सबसे करीबी रेलवे स्टेशन पीलीभीत है। यहां से करीब 65 किमी. सड़क मार्ग से चूका बीच जाया जा सकता है। वहीं सबसे करीब हवाईअड्डा पंतनगर है। पीलीभीत से लगातार दिल्ली और लखनऊ के लिए परिवहन निगम की बसें चलती रहती हैं।

कहां ठहरें

यहां रिजर्व टाइगर फॉरेस्ट की ओर से सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है। हालांकि यह व्यवस्था काफी सीमित है। रात को ठहरने वालों के लिए सभी जरूरी सामान यहां उपलब्ध हो जाता है। वैसे यहां अधिकांश लोग दिन में घूमने के बाद पास ही स्थित पूरनपुर कस्बे के होटलों में चले जाते हैं।

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