बर्फ से खेलती जिंदगी

स्कीइंग हो या स्केटिंग या फिर आइस क्लाइंबिंग, इन खेलों में भाग लेने वाले युवाओं का जोश देखते ही बनता है। आइस क्लाइंबिंग रोमांचक खेलों में रुचि लेने वाले युवाओं का पसंदीदा शौक है। यह साहस व रोमांच से भरा ऐसा खेल है, जिसकी कल्पना भर से व्यक्ति सिहर उठता

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 07 Sep 2015 02:55 PM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2015 03:24 PM (IST)
बर्फ से खेलती जिंदगी
बर्फ से खेलती जिंदगी

जब घुमने की बात आती है तो बर्फ से ढका पहाड सबसे पहले जेहन मे आता है। स्कीइंग हो या स्केटिंग या फिर आइस क्लाइंबिंग, इन खेलों में भाग लेने वाले युवाओं का जोश देखते ही बनता है। आइस क्लाइंबिंग रोमांचक खेलों में रुचि लेने वाले युवाओं का पसंदीदा शौक है। यह साहस व रोमांच से भरा ऐसा खेल है, जिसकी कल्पना भर से व्यक्ति सिहर उठता है। इस खेल के प्रमुख खिलाडि़यों को देखें तो उनकी कामयाबी के पीछे असीमित कल्पनाओं को साकार करने और दुनिया को अपनी हिम्मत का परिचय देने का भाव ही प्रमुख रहा है।

आइस क्लाइंबिंग वस्तुत: ऐसा रोमांच है, जिसमें इच्छुक व्यक्ति अलग-अलग आयामों में अपनी शक्ति, धैर्य, साहस और कौशल का स्वयं ही परीक्षण करता है। उसका अंतिम लक्ष्य होता है सफलतापूर्वक चढ़ाई कर जिंदा वापस लौटना। एकाग्रता, परस्पर सहयोग, तकनीक की उपयोगिता तथा अनुभव का लाभ, किसी भी खिलाड़ी की मंजिल को आसान बनाते हैं। खिलाड़ी अपने अनुभव से ही सीखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह शक्ति नहीं, अपितु संतुलन का खेल है। यह बात अलग है कि संतुलन भी शक्ति से ही प्राप्त होता है।

आइस क्लाइंबिंग, रॉक क्लाइंबिंग तथा स्नो क्लाइंबिंग की तकनीक में कोई खास अंतर नहीं है। पहाड़ी की कठोर सतह की तरह ही बर्फ की पहाडि़यां भी सख्त और स्थूल होती हैं तथा इस पर चढ़ने के लिए रॉक क्लाइंबिंग के बहुत से तरीके प्रयोग में लाए जाते हैं। बर्फ तथा बर्फ से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस खेल के नियम तय किए जाते हैं। आइस क्लाइंबिंग की रोमांचक चढ़ाईके दौरान खिलाड़ी के एक हाथ में बर्फ पर ठोकी जाने वाली कुल्हाड़ी होती है, जिससे वह धीरे-धीरे बर्फीली पहाडि़यों का सफर तय करता है। इस खेल का एक खतरनाक पहलू यह भी है कि बर्फ पर पकड़ने वाले स्थान बहुत मजबूत नहीं होते हैं। अत: इसमें एंकर और होल्डर ठीक से कार्य नहीं कर पाते। इसलिए खिलाड़ी को अपने आपको पिस्टंस या स्क्रूज से संतुलित करना होता है।

भारत में जम्मू और कश्मीर में विस्तारित हिमशिखर, हिमाचल प्रदेश की पहाडि़यां, गढ़वाल की रोमांचक पर्वत श्रृंखलाएं, सिक्किम में बर्फीली घूंघट ओढ़े ऊंची पहाडि़यां तथा कुमाऊं के खुले बर्फीले पर्वत इस खेल के व्यक्तियों के लिए सबसे उपयुक्त एवं महत्वपूर्ण स्थान माने गए हैं। आइस क्लाइंबिंग में चढ़ाई के दौरान कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं। जैसे-मौसम की गतिविधि, पर्वतारोही की प्रवृत्ति व जलवायु की स्थिति आदि इस खेल के नतीजों को प्रभावित करते हैं।

बर्फ से ढके पहाड़ों पर विजय प्राप्त करने के लिए अच्छे क्लाइंबर को भी कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। जिस बर्फ पर खिलाड़ी को चढ़ाई करनी होती है, उसकी प्रकृति को पूर्व में ही जांचा-परखा और भांपा जाता है। मसलन पतली, वायु छिद्रों से भरपूर, बहुत मुलायम तथा भरभरी बर्फीली पहाडि़यों के लिए अलग तौर-तरीकों को अमल में लाया जाता है। महीन और तीखी बर्फ पर कैट क्लाइंबिंग की सलाह दी जाती है। जैसा कि नाम से साफ है, इसमें बिल्ली की सी चाल चलते हुए पंजों के सहारे बर्फ की दीवार या किनारों से चढ़ाई की जाती है। बदलते हुए मौसम एवं वातावरण का प्रभाव आइस क्लाइंबिंग को गहरे अर्थो में प्रभावित करता है। कई बार जलप्रपात होने से बर्फ की सतह पतली और धारदार हो जाती है। ऐसे में चढ़ाई करना अत्यंत जोखिमपूर्ण हो सकता है, लेकिन खिलाड़ी इस चुनौती को हंसते-हंसते स्वीकारते हैं।

यह भी देखा गया है कि सुबह प्राय: बर्फ ठंडी और भुरभुरी होती है, जो दोपहर होते-होते सूर्य की रश्मियों से प्रभावित होकर थोड़ी नरम हो जाती है। शाम तक तापमान में बदलाव के चलते बहुत सी बर्फ पानी बनकर नीचे का रुख कर लेती है। संतुलित चढ़ाई के लिए चिपकने वाले तल के जूते या सरकने वाले हलके रॉक शूज का प्रयोग किया जाता है।

आइस क्लाइंबिंग में दो 8.5 मिमी की हाफ-डबल रंगीन रस्सियां प्रयोग की जाती हैं। डबल रोप तकनीक में एक रस्सी गीयर से बंधी रहती है और दूसरी के सहारे खिलाड़ी आगे सरकता रहता है। कुछ चढ़ाइयों में केवल एक कुल्हाड़ी की जरूरत होती है। कठिन चढ़ाई में गंती व हथौड़े की भी जरूरत पड़ती है। सुरक्षा के लिए खिलाड़ी हल्के, मजबूत व आरामदायक हेलमेट भी पहनता है। खिलाडि़यों को गर्म कैप तथा हेडलैंप ले जाने की भी सलाह दी जाती है। अंधकारपूर्ण बर्फीले क्षेत्रों में लिए अतिरिक्त बल्ब और बैटरी भी रखना जरूरी है। धूप और बर्फीली हवाओं से बचने के लिए अच्छी किस्म के चश्में और लोशन भी साथ रखना ठीक रहता है।

आइस क्लाइंबिंग के लिए खिलाड़ी का शारीरिक रूप से फिट होना अनिवार्य शर्त है। उच्च मानसिक क्षमता वाले, तेज, स्वस्थ व्यक्ति को इस खेल के लिए चुना जाता है। स्केटिंग, ट्रेकिंग या हाइकिंग जैसे पहाड़ी खेलों में रुचि लेने वालों के लिए आइस क्लाइंबिंग में भाग लेना अधिक आसान होता है।

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