नॉर्थ ईस्ट इंडिया में घूमना इतना नहीं आसान, हर एक जगह के लिए लेनी पड़ती है पहले से परमिशन

नॉर्थ ईस्ट इंडिया में घूमने के लिए आपको सरकार से खास परमिशन लेनी पड़ती है। देश-विदेश के सैलानियों के लिए यहां है परमिशन के अलग-अलग रूल्स, जानेंगे इनके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 04:06 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 04:06 PM (IST)
नॉर्थ ईस्ट इंडिया में घूमना इतना नहीं आसान, हर एक जगह के लिए लेनी पड़ती है पहले से परमिशन
नॉर्थ ईस्ट इंडिया में घूमना इतना नहीं आसान, हर एक जगह के लिए लेनी पड़ती है पहले से परमिशन

नॉर्थ ईस्ट में घूमने के लिए कई सारी खूबसूरत जगहें हैं लेकिन यहां जाना शिमला, मनाली जितना आसान नहीं। इसकी वजह है यहां रहने वाली आदिवासी जनजातियां। साथ ही भूटान, चीन और म्यांमार देशों की सीमा भी इनसे लगी हुई है इसलिए यहां के ज्यादातर शहरों में एंट्री के लिए आपको खास परमिशन लेनी पड़ती है।

हालांकि भारत सरकार नॉर्थ ईस्ट में टूरिज्म बढ़ाने के मकसद से विदेशियों के परमिशन को लेकर थोड़ी रिलैक्स है जैसे उन्हें मिज़ोरम, मणिपुर और नागालैंड में घूमने के लिए किसी तरह की परमिशन लेने की जरूरत नहीं पड़ती सिर्फ अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम के लिए के लिए परमिशन चाहिए होता है। बस उन्हें यहां पहुंचकर 24 घंटे के अंदर फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस में खुद को रजिस्टर कराना होता है। लेकिन वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के नागरिकों पर ये रूल अप्लाई नहीं होता। उन्हें डायरेक्ट मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स से अप्रूवल की जरूरत पड़ती है।

अरूणाचल प्रदेश परमिट

इंडियन टूरिस्ट्स को इनर लाइन परमिट (ILP) की जरूरत होती है। जिसके लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। वैसे साल 2015 से गुवाहाटी, नाहरलगून और गुमटो रेलवे स्टेशन पर भी इनर लाइन परमिट की सुविधा मिलने लगी है। विदेशी सैलानियों को प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (PAP) की जरूरत होती है। साल 2008 तक नॉर्थ ईस्ट घूमने के लिए दो या चार के ग्रूप में ही जाने की इज़ाजत थी लेकिन 2014 में बने नए रूल्स के हिसाब से अगर आपके पास PAP है तो अकेले भी 30 दिनों तक यहां रह सकते हैं और तवांग, बोमडिला, जीरो वैली जैसी जगहें घूम सकते हैं। वैसे तो PAP आराम से ट्रैवल एजेंट ही इश्यू कर देते हैं लेकिन अगर आप इनसे नहीं करवाना चाहते तो गुवाहाटी और कलकत्ता के अरुणाचल प्रदेश डेप्यूटी रेज़िडेंट ऑफिस से भी ये काम करवा सकते हैं।

असम परमिट

असम में भारतीय ही नहीं विदेशियों को भी किसी तरह के परमिशन की जरूरत नहीं होती।

मेघालय

मेघालय में भी घूमने-फिरने के लिए किसी भी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं होती।

त्रिपुरा

त्रिपुरा भी घूमने-फिरने के लिए बेहतरीन जगह है जहां आप बिना किसी तरह का परमिशन लिए जा सकते हैं।

मणिपुर परमिट इंडियन टूरिस्ट्स दीमारपुर से सड़क मार्ग से होते हुए मणिपुर घूम सकते हैं लेकिन कोहिमा घूमने के लिए उन्हें इनर लाइन परमिट की जरूरत होगी। जिसके लिए आपको गर्वनमेंट ऑफ नागालैंड ऑफिस से कॉन्टेक्ट करना पड़ेगा। विदेशियों को PAP की जरूरत नहीं होती। उन्हें बस लोकल FRO (Foreigner registration office) में खुद को रजिस्टर कराना होता है।

नागालैंड परमिट

मणिपुर के लिए भी जहां इंडियन टूरिस्ट्स को ILP की वहीं बाहर से आने वाले टूरिस्टों को PAP की जरूरत पड़ती है।

सिक्किम परमिट इंडियन टूरिस्ट्स को सिक्किम घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत नहीं होती लेकिन ईस्ट सिक्किम की कुछ एक जगहों जैसे सोंगमो लेक, नाथुला, कुपुप और मेनमेचो लेक और नॉर्थ सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग, यमथांग वैली, थांगू, चोपटा और गुरुदोंगमार लेक के लिए ILP की आवश्यकता पड़ती है। विदेशी सैलानियों को सिक्किम घूमने के लिए इनर लाइन परमिट जारी किया जाता है। जिसे आप रैंगपो बॉर्डर से 30 दिनों तक के लिए इश्यू करा सकते हैं। नॉर्थ सिक्किम के लिए विदेशी सैलानियों को PAP की जरूरत होती है। इसके साथ ही गंगटोक और सोंगमो लेक के लिए एक दिन का परमिट इश्यू कराना होता है। लेकिन इसके लिए 24 घंटे पहले नोटिस देना होता है।

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