ये वो जगह है जहां कटी थी शुर्पनखा की नाक और हुआ था सीता का हरण

14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम यहां सीता और लक्ष्‍मण के साथ कुटिया बनाकर रहे थे और उस दौरान ही ये घटनाएं यहां घटी थीं।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Mon, 30 Jan 2017 05:06 PM (IST) Updated:Wed, 01 Feb 2017 11:49 AM (IST)
ये वो जगह है जहां कटी थी शुर्पनखा की नाक और हुआ था सीता का हरण
ये वो जगह है जहां कटी थी शुर्पनखा की नाक और हुआ था सीता का हरण

रामायण कथा के अनुसार भगवान राम और रावण के बीच हुए युद्ध का कारण शूर्पनखा का नाक कटना था। ना लक्ष्‍मण उनका नाक काटते, ना भाई रावण को गुस्‍सा आता और सीता का अपहरण करता और ना ही उनके लिए भगवान राम-रावण के बीच युद्ध होता...तो चलिए आज हम आपको उस जगह ले चलते हैं जिसका संबंध रामायण कथा से है, जहां शूर्पनखा का नाक कटा था, जहां रावण ने सीता का हरण किया था और यह सब उस दौरान हुआ था जब भगवान राम 14 साल के वनवास की सजा काट रहे थे।

ये जगह कोई और नहीं पंचवटी है, जो महाराष्‍ट्र के नासिक के पास गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। यहां पांच बरगद के पेड़ हैं और इसी वजह से इस जगह का नाम पंचवटी पड़ा था। पंचवटी हिन्दुओं का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को समर्पित कई मंदिर हैं। वहीं यहां से बहने वाली गोदावरी नदी में डुबकी लगाना भी शुभ माना जाता है। यहां 12 साल में एक बार कुंभ मेला लगता है।

आइए अब रामायण कथा से जुड़ीं जगहों की झलक दिखलाते हैं, कहते हैं वनवास के दौरान भगवान राम यहां सीता और लक्ष्‍मण के साथ कुटिया बनाकर रहे थे। उन्‍हें मुनि भारद्वाज ने पंचवटी में रहने के लिए कहा था। यह दंडकारण्य जंगल का हिस्सा हुआ करता था।


राम कुटिया के पास ही तपोवन था, इस जगह पर लक्ष्‍मण ने शुर्पनखा का नाक काटा था। नाक को नासिका भी कहते हैं और इसी पर नासिक नाम पड़ा।


सीता गुफा- ये वो जगह है जहां रावण ने सीता का अपहरण किया था। इस गुफा में भगवान राम, सीता और लक्ष्‍मण की मूूर्तियां बनी हैं।

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राम कुंड- यही वो कुंड है जिसमें वनवास के समय भगवान राम स्नान किया करते थे। यहां लगने वाले कुंभ के मेले में हजारों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। ऐसा मानते हैं कि इसमें अपनों की राख विसर्जित करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। महात्मा गांधी की अस्थियां भी इसी में विसर्जित की गई थीं।


कालाराम मंदिर- ये मंदिर पेशवाओं ने बनवाया था। इसमें राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां काले रंग में बनी हैं। ऐसा कहा जाता है कि पंचवटी के साधुओं ने राक्षसों से छुटकारा दिलाने के लिए राम से प्रार्थना की थी। तब राम ने अपना काला रुप धारण कर उनका वध किया था।


इसके अलावा पंचवटी में सुंदरनारायण मंदिर, श्रीकैलाश मठ (अक्षरधाम) भी देखने की जगह हैं। वहीं जगह-जगह पर भगवान राम, सीता और लक्ष्‍मण की कथा को चित्रित करती कई खूबसूरत व मनमोहक मूर्तियां भी हैं, जिनमें से कुछ पेश हैं आपके सामने-


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