मंदिर की बनावट में दिखती है शहर की छाप, कुछ ऐसा है केरल का ये मंदिर

तिरुवनंतपुरम तमिलनाडु और केरल की सीमा पर होने की वजह से अपनी खास ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान रखता है। जानेंगे यहां स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Aug 2019 02:41 PM (IST) Updated:Mon, 26 Aug 2019 02:41 PM (IST)
मंदिर की बनावट में दिखती है शहर की छाप, कुछ ऐसा है केरल का ये मंदिर
मंदिर की बनावट में दिखती है शहर की छाप, कुछ ऐसा है केरल का ये मंदिर

जब हम दक्षिण भारत में हिंदू धर्म की बात करते हैं तो यहां से शैव और वैष्णव की धार्मिक परंपरा और प्रतिद्वंद्विता को जरूर देखते हैं। इसी क्रम में तिरुवनंतपुरम की पहचान बन चुका श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर आता है। यह वैष्णव संप्रदाय के धर्मावलंबियों का पवित्र स्थान माना जाता है। इसे विष्णु के 108 घरों में से एक घर होने का गौरव प्राप्त है। भगवान पद्मनाभ को विष्णु का एक अवतार मानकर यहां उनकी पूजा की जाती है। 

मंदिर में हिंदू ही कर सकते हैं प्रवेश

केरल की राजधानी में स्थित यह मंदिर भारत के उन कुछेक मंदिरों में से एक है, जिनमें केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाता है। इस परिसर के बारे में मान्यता है कि इसमें प्रवेश करते ही आत्मा की शुद्धि हो जाती है और धार्मिक भाव जाग्रत होने लगता है। 

अनोखी है मंदिर की बनावट

इस मंदिर की बनावट पर शहर की भौगोलिक स्थिति की छाप साफ दिखती है। कोविल और मलयाली भवन निर्माण शैली के संगम का अद्भुत नमूना है पद्मनाभस्वामी मंदिर। यह मंदिर लोक स्मृति का हिस्सा बन चुके तमिलनाडु तिरुवत्तार के पद्मनाभस्वामी मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। तमाम शोध और ऐतिहासिक विवरण उसके निर्माण की सही सूचना नहीं दे पाते हैं। 

खास है यहां की वेशभूषा 

रहस्यों और अकूत धन संपदा के अतिरिक्त यह मंदिर अपने कड़े नियमों और भक्तों के लिए खास वेशभूषा तय करने के लिए भी प्रसिद्ध है। निश्चित वेशभूषा के बिना मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है। धार्मिक आस्था और खुदाई में मिले खजाने आदि के रहस्यों के कारण यह मंदिर देशभर के पर्यटकों और भक्तजनों को आकर्षित करता है। यही कारण है कि प्रतिदिन यहां मंदिर में प्रवेश करने के लिए बहुत भीड़ लगी रहती है।

कैसे जाएं, कहां ठहरें?

तिरुवनंतपुरम, भारत के ज्यादातर राज्यों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। नजदीकी हवाई अड्डा त्रिवेंद्रम शहर से 6 किमी दूर है। यह एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो देश-दुनिया के बड़े शहरों से जुड़ा है। इसके साथ-साथ त्रिवेंद्रम सेंट्रल रेलवे देश के विभिन्न शहरों से जुड़ा है, यह भी शहर पहुंचने का सुगम मार्ग है। आप यहां केरल राज्य बस सर्विस से भी शहर के विभिन्न भागों में सैर कर सकते हैं।

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